चीन के दबदबे को तोड़ने की तैयारी में भारत-अमेरिका, दुनिया की दो सबसे बड़ी एयरफोर्स होंगी एक साथ

एक तरफ जहां चीन भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है वहीं दूसरी तरफ रणनीतिक तौर पर AESAN चीन को घरेने की तैयारी में है।

एक तरफ जहां चीन भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है वहीं दूसरी तरफ रणनीतिक तौर पर AESAN चीन को घरेने की तैयारी में है।

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ruchika sharma
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चीन के दबदबे को तोड़ने की तैयारी में भारत-अमेरिका, दुनिया की दो सबसे बड़ी एयरफोर्स होंगी एक साथ

US एयरफोर्स चीफ जनरल डेविड एल गोल्डफीन (फेसबुक)

भारतीय और अमेरिकी वायुसेना के बीच संबंधों को और मज़बूत बनाने के लिए US एयरफोर्स चीफ ने भारत का दौरा किया। 

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एशिया-प्रशांत क्षेत्र में लगातार चीन के बढ़ते सैन्य वर्चस्व का संतुलित करने के लिए भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में तेजी से इजाफा हो रहा है।

अमेरिकी वायुसेना के चीफ डेविड एल गोल्डफीन ने भारत को एशिया प्रशांत क्षेत्र में मुख्य रणनीतिक सहयोगी बताते हुए कहा, 'दुनिया के दो बड़े एयरफोर्स साझे तौर पर इस क्षेत्र में सहयोग करेंगे और इस इलाके में निश्चित तौर पर नियमों का पालन किया जाना चाहिए।'

भारत-प्रशांत क्षेत्र पर अमेरिका पहले भी भारत की वकालत कर चुका है। अमेरिकी एयरचीफ का कहना है कि अमेरिकी वायुसेना, भारत-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों के रणनीतिक हितों को पूरा करने के लिए सहयोग बढ़ाएंगी जहां चीन अपने सैन्य प्रभाव का विस्तार कर रहा है। 

भारत को अमेरिका का 'केंद्रीय रणनीतिक साझेदार' बताते हुए पर उन्होंने कहा, 'दुनिया के दो सबसे बड़ी वायु सेना संयुक्त रूप से भारत-प्रशांत क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने जा रही है जो कि नियमों के आधार पर होगा। उन्होंने कहा कि अहम समुद्री मार्गों में नियम आधारित व्यवस्था बनी रहनी चाहिए।'

आगे उन्होंने कहा, 'भारतीय और अमेरिकी वायु सेना के बीच सहयोग के लिए अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच 'चतुर्भुज' गठबंधन प्रदान करेगा।'

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गोल्डफिन ने भारत की तीन दिवसीय यात्रा के दौरान एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ और रक्षा बलों के शीर्ष अधिकारियों से विस्तृत बातचीत की। 

यह पूछे जाने पर कि क्या चार देशों के भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से हाथ मिलाने के बाद दोनों सेनाओं के बीच सहयोग गहरा होगा, उन्होंने कहा, 'यह बात मेरे इस दौरे और यहां मेरी बातचीत का अहम हिस्सा है।'

तीन यूएस विमान वाहक- यूएसएस निमित्ज, यूएसएस रोनाल्ड रीगन और यूएसएस थियोडोर रूजवेल्ट - इंडो-प्रशांत क्षेत्र में संचालित है। 

भारत-प्रशांत में चीनी प्रभाव से मुक्त करने के लिए अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच 'चतुष्पक्षीय' गठबंधन से भारत और अमेरिका की वायुसेनाओं के बीच सहयोग और मजबूत करेगा।

'क्वाड' का हवाला देते हुए, अमेरिकी वायुसेना प्रमुख ने कहा कि चार देशों में नियमों के आधार पर बनाए रखने के लिए भारतीय और अमेरिकी वायु सेना के बीच सहयोग कई स्तरों पर बढ़ेगा।

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उन्होंने कहा, 'भारत हमारे समान हितों में आगे बढ़ने में एक केंद्रीय रणनीतिक साझेदार है।'

थाइलैंड, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और ब्रूनेई आसियान के 10 सदस्य देश हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान के जोधपुर में कल अमेरिकी एयरफोर्स चीफ जनरल डेविड एल गोल्डफीन ने लड़ाकू विमान तेजस उड़ाया। 

ऐसा पहली बार जब हुआ है कि जब किसी विदेशी वायुसेना प्रमुख ने लड़ाकू विमान उड़ाया हो। इससे पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर ASEAN के सभी 10 सदस्य देशों के नेता भारत-आसियान संबंधों के 25 साल पूरे होने पर भारत आये थे।

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Source : News Nation Bureau

Indian Air Force America AESAN
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