कैलिफोर्निया की संघीय अदालत में चल रहे एक मामले में भारतीय मूल के तीन उच्च तकनीक सलाहकारों को एच1-बी वीजा धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया है. इस बात की जानकारी अमेरिकी अधिकारियों ने दी.
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संघीय अभियोजक डेविड एंडरसन के मुताबिक, किशोर दत्तपुरम, कुमार अश्वपति और संतोष गिरि पर ऐसी नौकरियों के लिए कथित तौर पर फर्जी एच1-बी वीजा आवेदन जमा करने का आरोप लगाया गया है जो वास्तव में मौजूद ही नहीं हैं. एक नागरिक पैनल ने जिसे ग्रैंड ज्यूरी के नाम से जाना जाता है, मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह पाया. उन्होंने कहा कि अपराधियों के अपराध का निर्धारण करने के लिए उन पर मुकदमा चलाया जाएगा.
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अधिकारियों ने कहा कि तीनों ने आरोपों से इनकार किया है और उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है. अदालती दस्तावेजों के अनुसार, ये लोग एक कंसल्टिंग फर्म, नैनोसैमेंटिक्स, इंक, चलाते थे जो कामगारों के अन्य कंपनियों में प्लेसमेंट का काम करती थी. आरोपियों ने अपनी इस कंपनी के जरिए फर्जी एच1-बी वीजा आवेदन प्रस्तुत किए ताकि वे अपने अन्य ग्राहकों की कंपनियों में प्लेसमेंट के लिए कामगारों का एक पूल तैयार कर सकें.
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अधिकारियों ने कहा कि उनके द्वारा जमा किए गए कई वीजा आवेदनों में कहा गया कि कामगारों के लिए नामित कंपनियों में विशिष्ट नौकरियां थीं, जबकि अभियुक्तों को पता था कि वास्तव में ये नौकरियां मौजूद ही नहीं हैं. बता दें कि एच1-बी वीजा पेशेवरों या हाई क्वालीफाइड लोगों को दिया जाने वाला गैर-आप्रवासी वीजा हैं.
Source : IANS