अमेरिकी ड्रोन को खरीदने में अब हिचकिचा रहा भारत, जानें क्या है कारण
ईरान ने यूएस के RQ-4 Global Hawk Drone को S-300 मिसाइल सिस्टम का उपयोग करके ढेर कर दिया था. इसके बाद भारत पसोपेश में है कि वह हॉक ड्रोन की डील फाइनल करे या नहीं करे.
highlights
- भारत, अमेरिका से ड्रोन की खरीदने के बारे में दोबारा सोच रहा है.
- ईरान ने यूएस के RQ-4 Global Hawk Drone को मार गिरा दिया था.
- दोबारा सोचने का कारण ड्रोन की कीमत भी एक महत्वपूर्ण पहलू है.
नई दिल्ली:
पिछले महीने फारस की खाड़ी (Persian Gulf) में इरान ने एक अमेरिकी हॉक ड्रोन (US Global Hawk drone) को मार गिराया था जिसके बाद इरान और अमेरिका के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए. ऐसा लग रहा था कि अमेरिका, इरान पर बड़ा हमला कर सकता है. इस पूरे वाकये ने भारत का ध्यान इसलिए खीचा था क्योंकि भारत, अमेरिका से वही हॉक ड्रोन खरीदने की योजना बना रहा था और ये डील लगभग फाइनल हो ही चुकी थी. लेकिन अब भारतीय सैन्य प्रशासन इस ड्रोन की खरीद के बारे में दोबारा से विचार करेगा. इसका कारण यह है कि जिस ड्रोन को कोई भी देश इतनी आसानी से मार गिरा सकता है उसे खरीदकर आखिर भारत का क्या फायदा होगा.
यह भी पढ़ें: PM इमरान खान को अमेरिकी दौरे पर डोनाल्ड ट्रंप ने दिया ये बड़ा झटका
इन सशस्त्र ड्रोन का इस्तेमाल अमेरिका ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक और सीरिया में किया गया है जहां अमेरिका का पहले से ही दबदबा है लेकिन जैसे ही इस ड्रोन ने अमेरिकी प्रभाव वाली वायु सीमा पार की उसको नष्ट कर दिया गया. ईरान ने यूएस के RQ-4 Global Hawk Drone को S-300 मिसाइल सिस्टम का उपयोग करके ढेर कर दिया था.
बता दें कि भारत की तीनों सेवाओं ने $ 6 बिलियन की लागत से अमेरिका से 30 ड्रोन खरीदने की योजना बनाई थी. हालांकि, तीनों सेवाओं ने रक्षा मंत्री से अभी इस ड्रोन की जरूरत के लिए कोई बातचीत नहीं कि है. भारत की वायुसेना और सेना के लिए 10 प्रीडेटर-बी ड्रोन की लिए खरीदे जाने थे जबकि नौसेना के लिए ज्यादा दूरी तक निगाह रख सकने वाला ड्रोन का वर्जन खरीदने की योजना थी.
यह भी पढ़ें: उ.कोरिया के मिसाइल परीक्षणों से चिंतामुक्त ट्रंप, कहा- अमेरिका को कोई खतरा नहीं
भारतीय वायु सेना ने आंतरिक रूप से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) या वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ-साथ भारत और के बीच विवादित सीमा रेखा पर एक सशस्त्र ड्रोन के इस्तेमाल और उसकी उपयोगिता के बारे में सवाल उठाए हैं.
यह भी पढ़ें: उग्रवादियों के दो हमलों में पाक सेना के दस सैनिक मारे गए
क्योंकि ये सवाल तब और भी ज्यादा गंभीर हो जाता है जब भारत के दोनों पड़ोसी देश भारत के लिए लगातार समस्याएं पैदा करते आ रहे हैं. हालांकि चीन तो ताकतवर है लेकिन पाकिस्तान उतना मजबूत नहीं हैं फिर भी वो भारत के लिए आतंकवाद को प्रचार-प्रसार देकर समस्या खड़ा करता रहता है.
अमेरिकी ड्रोन पर पुनर्विचार का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कश्मीर के हालिया मध्यस्थता संबंधी बयान से कोई लेना-देना नहीं है. नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर पर ट्रम्प के शोर को कम करने और आने वाले समय के लिए भारत-अमेरिका संबंधों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है.
भारतीय पुनर्विचार (rethinking of buying american drones) के पीछे दूसरा महत्वपूर्ण कारण शिकारी-बी जैसे सशस्त्र ड्रोनों का निषेधात्मक मूल्य है. सैन्य प्रतिष्ठान के अनुसार, एक नंगे ड्रोन प्लेटफॉर्म की लागत $ 100 मिलियन होगी और लेजर-गाइडेड बम या अग्नि मिसाइल जैसे हथियारों के पूर्ण पूरक की कीमत 100 मिलियन डॉलर होगी.
यह भी पढ़ें: चंद्रयान-2 लॉन्च पर पाकिस्तानी भी हुए भारत के मुरीद, कहा- आप से सीखने की जरूरत
"इसका मतलब है कि हथियारों के पूर्ण पूरक के साथ एक सशस्त्र ड्रोन राफेल मल्टी-रोल फाइटर की तुलना में अधिक महंगा होगा, जो सभी हथियारों और मिसाइलों के साथ बोर्ड पर होगा. परिस्थितियों में, भारतीय वायुसेना लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के साथ अधिक बहु-भूमिका सेनानियों को प्राप्त करने को प्राथमिकता देगी और भारतीय सेना अपने टी -72 टैंकों को बदलने की ओर देख रही होगी.
दक्षिण नौसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, भारतीय नौसेना को एक भारतीय प्रशांत क्षेत्र शक्ति के रूप में खुद को पेश करने के लिए सशस्त्र ड्रोन के बजाय समुद्र में अधिक सतह तक मार करने में सक्षम हथियारों की जरूरत है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें