अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे से जुड़े 3,600 करोड़ रुपये के रिश्वत मामले के कथित मध्यस्थों में से एक ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल जेम्स के प्रत्यर्पण के प्रयास को एक बड़ा झटका लगा है।
आरोपी के वकील के मुताबिक, भारतीय प्रशासन निर्धारित समय के भीतर संयुक्त अरब अमीरात की अदालतों में कोई सबूत पेश नहीं कर पाया है।
भारत सरकार को 19 मई, 2018 तक मिशेल के खिलाफ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अदालत में सबूत पेश करना था।
मिशेल के वकील रोजमेरी पेट्रिजी डॉस अंजोस ने इटली के मिलान से बताया, "सरकार ने कोई सबूत पेश नहीं किए।"
उन्होंने कहा, "सरकार के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और इसलिए उनके अधिकारी कोई सबूत पेश नहीं कर पाए।" उन्होंने कहा कि मिशेल के खिलाफ इटली, स्विट्जरलैंड या भारत किसी के पास कोई सबूत नहीं है।
डोस अंजोस ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात की अदालत ने भारत सरकार को अगली सुनवाई पर सबूत पेश करने के लिए 45 दिनों का समय दिया था, जिसमें से 30 दिन बीत चुके हैं।
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उन्होंने कहा कि एक महीने पहले दुबई में सीबीआई के अधिकारियों ने मिशेल से पूछताछ की थी। उनके मुताबिक, वह अब भी संयुक्त अरब अमीरात में हैं।
इस मामले में न तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) टिप्पणी करने को इच्छुक है और न ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई)।
ईडी ने इस वर्ष जनवरी में संयुक्त अरब अमीरात प्रशासन से मिशेल को प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया था। ईडी और सीबीआई दोनों ने भारतीय अदालतों में रिश्वतखोरी के मामलों में आरोप-पत्र दायर किए थे और आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए थे।
पिछले साल, सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल ने मिशेल के खिलाफ एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। रेड कॉर्नर नोटिस इस घोटाले में शामिल इटली के दो नागरिकों -कार्लो गेरोसा और गुइडो हैस्के- के खिलाफ भी जारी किया गया था।
भारतीय जांच एजेंसियों के मुताबिक, अगस्ता वेस्टलैंड को हेलिकॉप्टर का ठेका सुनिश्चित कराने के लिए मिशेल को कम से कम 235 करोड़ रुपये बतौर रिश्वत प्राप्त हुए थे। उसने इस सिलसिले में बार-बार भारत की यात्रा की थी। उसने वर्ष 1997 से 2013 के बीच भारत की 300 यात्राएं की थी।
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ईडी सूत्रों ने कहा कि मिशेल को यह रिश्वत राशि कंसल्टेंसी कार्य के भुगतान के बहाने विदेशों और भारत में स्थित कंपनियों के एक नेटवर्क के माध्यम से दी गई थी। उसने दुबई स्थित अपनी कंपनी ग्लोबल सर्विसिस एफजेई का इस्तेमाल पैसे को ठिकाने लगाने के लिए किया।
सीबीआई ने अपने आरोप-पत्र में घोटाले में शामिल चार भारतीयों -भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एस.पी. त्यागी, उनके चचेरे भाई संजीव त्यागी, वायुसेना के तत्कालीन वाईस चीफ जे.एस. गुजराल और वकील गौतम खेतान- के नाम शामिल किया था। आरोप-पत्र में खेतान को इस सौदा के पीछे का मुख्य व्यक्ति बताया गया है।
आरोप-पत्र में शामिल अन्य लोगों में बिचौलिए मिशेल, हैश्के और गेरोसा के अलावा इटली की रक्षा एवं अंतरिक्ष क्षेत्र की प्रमुख कंपनी फिनमेक्के निका के पूर्व प्रमुख गियुसेप्पे ओरसी और अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रुनो स्पैग्नोलिनी के नाम शामिल थे।
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Source : IANS