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इस साल 23 फीसदी कम रेमिटेंस भेज सकते हैं भारतीय प्रवासी( Photo Credit : फाइल फोटो)
कोरोना संकट का असर अब प्रवासियों द्वारा भेजे जाने वाले धन यानी रेमिटेंस पर भी पड़ेगा. दरअसल विश्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि इस साल भारत में रेमिटेंस में 23 फीसदी की कमी आ सकती है. इस साल प्रवासी भारतीय 64 बिलियन डॉलर रेमिटेंस भेज सकते है जबकि पिछले साल यानी 2019 में 83 बिलियन डॉलर भेजे गए थे.
बता दें, अपने देश में धन भेजने के मामले में प्रवासी भारतीय सबसे आगे रहते हैं. इस मामले में भारत लंबे समय से टॉप पर रहा है. लेकिन अब कोरोना संकट के चलते इस पर भी प्रभाव पड़ेगा.
विश्व बैंक की मानें तो कोरोना और लॉकडाउन के चलते ग्लोबली रेमिटेंस में 20 फीसदी की गिरावट आ सकती है वहीं भारत के रेमिटेंस में 23 फीसदी की गिरावट आ सकती है.
क्या है रेमिटेंस?
जब कोई प्रवासी अपने मूल देश में बैंक, पोस्ट ऑफिस या ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिए पैसे भेजता है तो उसे रेमिटेंस कहा जाता है. उदाहरण के तौर पर किसी दूसरे देश मेंनौकरी कर रहा कोई शख्स अपने देश में रह रहे माता -पिता को पैसे भिजवाता है तो वह रेमिटेंस होता है. इससे देश की इकॉनोमी पर काफी प्रभाव पड़ता है.
Source : News Nation Bureau