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Modi Government के लिए अच्छी खबर, चीन के खिलाफ भारत की मदद करेगा US

हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक रक्षा मंत्री एली रैटनर ने कहा कि भारत-चीन सीमा (एलएसी) पर अमेरिका की पैनी नजर है. उन्होंने कहा कि चीन से लगे एलएसी पर भारत बड़े मुश्किल हालात का सामना कर रहा है.

Updated on: 12 Mar 2022, 06:54 AM

highlights

  • रूस-यूक्रेन मसले पर तटस्थ रहने के बाद भारत के लिए अच्छी खबर
  • जो बाइडन प्रशासन चीन को लेकर जारी रखेगा भारत की सैन्य मदद
  • मजबूत रक्षा साझेदारी को लेकर अमेरिकी रक्षा मंत्री का सीनेट में बयान

वॉशिंगटन:

रूस-यूक्रेन (Ukraine) युद्ध के बीच कूटनीतिक समीकरण साधने में जुटी मोदी सरकार (Modi Government) के लिए यह बड़ी और अच्छी खबर है. सामरिक मित्र अमेरिका (America) ने साफ किया है कि चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत को जरूरी उपकरणों और अन्य साम्रगी की मदद करना जारी रखेगा. अमेरिकी सेना के एक शीर्ष एडमिरल ने सीनेट के सदस्यों से यह कहा. उन्होंने जोर देते हुए कहा है कि वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच एक 'मजबूत रक्षा साझेदारी' है, जो जारी रहेगी. अमेरिकी हिंद-प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल जॉन एक्विलिनो ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सैन्य स्थिति पर संसद के उच्च सदन सीनेट की आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के समक्ष दिए गए अपने एक बयान में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी एवं सैन्य संबंध बेहद मजबूत हैं, इसलिए अमेरिका भारत की मदद करना जारी रखेगा.

भारत-चीन संबंधों पर अमेरिका है चिंतित
इससे पहले जॉन एक्विलिनो ने अमेरिकी संसद में भारत-चीन के बीच संबंधों पर चिंता जाहिर की थी. हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा के दौरान उन्होंने सांसदों से कहा था कि अक्टूबर, 2021 में चीनी सांसदों ने सीमावर्ती जमीन के संबंध में एक कानून पारित किया था. यह उनकी संप्रभुता और सीमा सुरक्षा में पीएलए की भूमिका बढ़ाने के संबंध में था. यह कानून जनवरी 2022 से प्रभावी हुआ है. इसमें वह क्षेत्र संबंधी विवाद को दूर करने के लिए सेना का अधिकाधिक उपयोग करेगा.

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अमेरिका में भारत को लेकर ऊहोपोह
हिंद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक रक्षा मंत्री एली रैटनर ने कहा कि भारत-चीन सीमा (एलएसी) पर अमेरिका की पैनी नजर है. उन्होंने कहा कि चीन से लगे एलएसी पर भारत बड़े मुश्किल हालात का सामना कर रहा है. गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन मसले पर यूएनएससी और यूएनजीए में वोटिंग से परहेज करने पर भारत के खिलाफ अमेरिका में एक लॉबी प्रतिबंध लगाए जाने की पक्षधर हैं, जबकि दूसरी लॉबी का कहना है कि ऐसा करना हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका के हित कमजोर कर देगा.