मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लखवी की सजा को भारत ने पाखंड बताया
भारत ने इस गिरफ्तारी और सजा को पाखंड करार देते हुए एफएटीए की बैठक से पहले पाकिस्तान का ढोंग करार दिया है.
लाहौर/संयुक्त राष्ट्र:
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर आतंकी जकीउर रहमान लखवी को लाहौर एंटी टेरेरिज्म अदालत ने 15 साल जेल की सजा सुनाई है. बीते दिनों उसे संबंधित मामले में गिरफ्तार किया गया था. जकीउर रहमान ही मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है. 2008 में हुए इस आतंकी हमले में 146 लोगों की मौत हुई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. हालांकि भारत ने इस गिरफ्तारी और सजा को पाखंड करार देते हुए एफएटीए की बैठक से पहले पाकिस्तान का ढोंग करार दिया है.
लखवी के खिलाफ पंजाब के एंटी टेरेरिज्म डिपार्टमेंट ने लाहौर पुलिस स्टेशन में टेरर फंडिंग का केस दर्ज कराया था. जकीउर रहमान लखवी पर आरोप है कि वह आतंकी गतिविधियों से इकट्ठा किए गए पैसों का इस्तेमाल डिस्पेंसरी चलाने के लिए कर रहा था. गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र ने 2008 में लखवी को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया था. वहीं भारत ने सितंबर 2019 में लखवी को अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रेवेन्शन एक्ट 2008 (UAPA) के तहत आतंकी घोषित कर दिया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी लखवी को वैश्विक आतंकी घोषित कर चुका है. जांच में पता चला था कि जकीउर रहमान लखवी ने ही 26/11 आतंकी हमले का पूरा खाका तैयार करके हाफिज सईद को दिया था.
जकीउर रहमान लखवी को पाकिस्तान सरकार ने अप्रैल 2015 में रिहा कर दिया था. पाकिस्तान ने कहा था कि लखवी के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं. जेल से रिहा होने के बाद भी लखवी लगातार अपने आतंकी संगठन का नेतृत्व करना जारी रखा है. खबरों की मानें तो पाकिस्तान ने लखवी को जेल में रहने के हर जरूरी सुविधा मुहैया कराई थी. लखवी की गिरफ्तारी का अमेरिका ने भी स्वागत किया था. गौरतलब है कि पाकिस्तान में आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.
ढोंग करना पाक के लिए आम बात
इस बीच भारत ने मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा सरगना जकी-उर-रहमान लखवी को टेरर फंडिंग के मामले में पाकिस्तानी अदालत की तरफ से 15 साल जेल की सजा सुनाए जाने के बाद पाकिस्तान पर कटाक्ष किया है. भारत ने कहा कि महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय बैठकों से पहले 'आडंबर करना' पाकिस्तान के लिए आम बात हो गई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि ये कदम साफ दिखाते हैं कि इनका मकसद फरवरी 2021 में एफएटीएफ की पूर्ण बैठक और एपीजेजी (एशिया प्रशांत संयुक्त समूह) की बैठक से पहले अनुपालन की भावना को दर्शाना है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'महत्वपूर्ण बैठकों से पहले इस प्रकार का ढोंग करना पाकिस्तान के लिए आम बात हो गई है.' श्रीवास्तव ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंधित संगठन और घोषित आतंकवादी पाकिस्तान के भारत विरोधी अजेंडे को पूरा करने के लिए उसके परोक्ष माध्यम के रूप में काम करते हैं. पाकिस्तान को जवाबदेह बनाना और यह सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि वह आतंकवादी संगठनों, आतंकवाद के बुनियादी ढांचों और आतंकवादियों के खिलाफ विश्वसनीय कार्रवाई करे.'
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