मसूद अजहर को आतंकी घोषित न किये जाने पर भारत ने 'उदासीन' सुरक्षा परिषद की आलोचना की है। भारत ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जिन्हें आतंकी संगठन घोषित किया है उसके नेताओं को आतंकी घोषित करने पर निर्णय नहीं ले पा रहा है।
भारत की सुरक्षा परिषद की ये आलोचना मसूद को आतंकी घोषित किये जाने पर चीन द्वारा अजहर रोक लगाए जाने के बाद आई है।
यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने यूएनजीए में कहा कि 15 देशों की सुरक्षा परिषद पर शांति और सुरक्षा की जिम्मेदारी है, और वो “हमारे समय की जरूरतों और उसका सामना करने में प्रति बेअसर और अप्रतिक्रियाशील हो गई है।”
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जैश ए मोहम्मद के चीफ मसूद अजहर को आतंकी घोषित किये जाने के मसले पर अकबरुद्दीन ने चीन का नाम लिये बिना ही कहा, “सुरक्षा परिषद ने जिन संगठनों को खुद आतंकी संगठन घोषित किया है उनके नेताओं को आतंकी घोषित करने के निर्णय को 6 महीने तक लटकाए रखता है।”
उन्होंने कहा, 'इसके बाद वह फिर से इस संबंध में निर्णय लेने के लिये खुद को दोबारा तीन महीने का समय देती है। एक मसले पर निर्णय करने के लिये नौ महीने तक इंतज़ार करना पड़ता है।'
जानकारी हो कि चीन ने मार्च में मसूद अजहर को यूएन द्वारा आतंकी घोषित करने की भारत की अर्जी पर वीटो लगाया था। जिसकी वैधता सितंबर माह के अंत में समाप्त हो रही थी। लेकिन पिछले हफ्ते चीन ने दोबारा इस पर रोक लगा दी है।
Source : News Nation Bureau