logo-image

रूस की मदद से और न्यूक्लियर रिएक्टर बनाएगा भारत

इससे पहले दोनों देशों के बीच हुए समोझौते में कहा गया था कि रुस कु़डनकुलम में 6 प्लांट स्थापित करेगा लेकिन नए समझौतों के मुताबिक अब इसकी संख्या और भी ज़्यादा होगी।

Updated on: 20 May 2018, 11:50 AM

नई दिल्ली:

रूस और भारत के बीच कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र में सहयोग देने को लेकर एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है।

इससे पहले दोनों देशों के बीच हुए समोझौते में कहा गया था कि रूस कु़डनकुलम में 6 प्लांट स्थापित करेगा लेकिन नए समझौतों के मुताबिक अब इसकी संख्या और भी ज़्यादा होगी।

इस बारे में जानकारी देते हुए रूस में भारत के राजदूत पी सरन ने कहा, 'रूस पहले से ही कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण में काफी मदद कर रहा है। रूस यहां 6 बिल्डिंग बनाने को प्रतिबद्ध है। हमने रूस के साथ एक नए समझौता किया है जिसके मुताबिक रूस वहां और ज़्यादा यूनिट बनाएगा।'

आगे उन्होंने कहा, 'दोनों देशों के बीच परमाणु क्षेत्र में बढ़ रहे सहयोग के अलावा यह तीसरे देश के साथ बढाने की भी संभावना है। बंगलादेश में रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र बन रहा है भारत को उम्मीद है कि वहां पर भी दोनों देशों के विशेषज्ञता देखने को मिलेगी।'

इसके साथ ही पी सरन ने IS (इस्लामिक स्टेट) ख़तरे से आगाह कराते हुए कहा, 'ISIS का ख़तरा आज विश्व समुदाय के लिए ख़तरा बन चुका है औऱ इससे कैसे निबटा जाए इस बारे में भी दोनों देशों के बीच चर्चा होगी। भारत कई सालों से आतंकवाद का शिकार होता रहा है इसके अतिरिक्त रूस भी इसे जेल रहा है और आतंकवाद के फैलने को लेकर आशंकित है।'

और पढ़ें- चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध ख़त्म करने पर बनी सहमति, नहीं बढ़ेगा टैरिफ

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 मई को रूस यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। इस दौरान वो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाक़ात करेंगे और दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय मामलों पर अपने दूरगामी दृष्टिकोण साझा करेंगे।

इस मुलाकात पर जानकारी देते हुए पी सरन ने कहा कि इस बैठक में रूस की विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत-रूस एक साथ मिलकर कैसे एक-दूसरे की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत कर सकते है, पर चर्चा करेंगे।

उन्होंने कहा, 'ईरान हमारे लिए महत्वपूर्ण विषय है। हाल ही में उनके साथ परमाणु समझौते को लेकर काफी विस्तार हुआ है। मुझे विश्वास है कि रूस और भारत के बीच बातचीत के दौरान इस विषय पर भी चर्चा होगी क्योंकि ईरान के साथ दोनों देशों के बीच अलग तरह के संबंध हैं।'

पंकज सरन ने कहा कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की यह बहुत ही महत्वूपर्ण और अलग तरह की बैठक है। यह भी अलग है कि राष्ट्रपति पुतिन ने खुद प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी को कई मद्दों पर चर्चा करने के लिए बुला रहे है वो भी तब जब दो हफ़्ते पहले ही चौथी बार रुस के राष्ट्रपति बने हैं।

और पढ़ें- विवादित दक्षिण चीन सागर द्वीप पर चीन ने पहली बार उतारा बमवर्षक विमान, अमेरिका की तीखी प्रतिक्रिया