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UN महासभा: उत्तर कोरिया के न्यूक्लियर प्रोग्राम की जांच की मांग कर सुषमा ने पाकिस्तान को घेरा

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम की जांच कराए जाने की मांग की है।

Updated on: 19 Sep 2017, 02:28 PM

highlights

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम की जांच कराए जाने की मांग की है
  • पाकिस्तान पर उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को मदद देने का आरोप लगता रहा है

 

 

नई दिल्ली:

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम की जांच कराए जाने की मांग की है। भारत ने इस संबंध में दोषी पाए जाने वाले देश पर कड़ी कारवाई की मांग करते हुये कहा, 'उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार कैसे मिले, इसकी जांच होनी चाहिए।'

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने न्यूयॉर्क में चल रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान विदेश मंत्री रेक्स टिल्लरसन और उनके जापानी समकक्ष तारो कोनो के साथ त्रिपक्षीय बैठक में पाकिस्तान पर इशारों में निशाना साधा।

बैठक के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उत्तर कोरिया द्वारा किए जा रहे मिसाइल परीक्षण की कड़ी निंदा की। उनका कहना था कि इससे कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव बढ़ गया है।

गौरतलब है कि उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम में पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान का हाथ बताया जाता रहा है। पाकिस्तान पर उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने में मदद देने का आरोप है।  

भारत के इस कदम को विश्व स्तर पर पाकिस्तान को घेरने के लिए एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है। पाकिस्‍तान में मिसाइल प्रोग्राम के जनक डॉक्‍टर अब्‍दुल कादिर ने वर्ष 2004 में माना था कि उन्होंने उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम में मदद की है। 

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सुषमा का यह बयान इस लिहाज से भी काफी मायने रखता है क्‍योंकि कुछ दिन पहले पाकिस्तान के परमाणु भौतिक वैज्ञानिक परवेज हुडबॉय ने जर्मन मीडिया में कहा था कि इस मामले में पाकिस्तान सरकार की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा था कि खान ने उत्तर कोरिया को अकेले यह सामान व तकनीक दिए हों, ऐसा मानना कुछ मुश्किल है।

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जब विदेश मामलों के प्रवक्ता रवीश कुमार से डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, 'विदेश मंत्री ने उत्तर कोरिया के हालिया कार्यों की निंदा की है और कहा कि इसके प्रसार के संबंधों का पता लगाया जाना चाहिए और जो भी देश इसमें दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कड़ी करवाई की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि मैं आपको पर्याप्त जानकारी दे रहा हूं जिससे आप समझ सकें कि हम किस बारे में बात कर रहे हैं।'

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