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UNSC में भारत ने कांगो में BSF जवानों की हत्या का मुद्दा उठाया

भारत के प्रभारी डी'एफेयर्स आर रवींद्र ने डीआरसी की स्थिति और शांति सैनिकों के लिए पर्याप्त सुरक्षा की कमी पर चिंता व्यक्त की. गौरतलब है कि इस बारे में भारत (India) लगातार चेतावनी दे रहा था.

Updated on: 28 Jul 2022, 12:47 PM

highlights

  • भारत सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार दे रहा था चेतावनी
  • माना जा रहा है सशस्त्र विद्रोहियों ने मारा शांति सैनिकों को

संयुक्त राष्ट्र:

भारत ने सुरक्षा परिषद (UNSC) में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (Congo) में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के खिलाफ भीड़ की हिंसा में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के हेड कांस्टेबल सांवाला राम विश्नोई और शिशुपाल सिंह की हत्या का मुद्दा उठाया है.  राजनयिक सूत्रों के अनुसार नई दिल्ली के अनुरोध पर आयोजित परिषद की एक बंद बैठक के दौरान भारत के प्रभारी डी'एफेयर्स आर रवींद्र ने डीआरसी की स्थिति और शांति सैनिकों के लिए पर्याप्त सुरक्षा की कमी पर चिंता व्यक्त की. गौरतलब है कि इस बारे में भारत (India) लगातार चेतावनी दे रहा था. भारत का मुद्दा उठाने के बाद सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने शांति सैनिकों की मृत्यु पर भारत के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं

कुल पांच लोग मारे गए और 20 गंभीर घायल हुए
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों पर हमले में मोरक्को की सेना का एक सदस्य भी मारा गया था और माघरेब एजेंस प्रेसे के अनुसार 20 अन्य घायल हो गए थे. बीएसएफ के दो जवान पूर्वी डीआरसी के बुटेंबो में मोरक्कन रैपिड डिप्लॉयमेंट फोर्स के कैंप में तैनात थे. महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि बुटेंबो बेस पर हिंसक हमलावरों ने कांगो पुलिस से हथियार छीन लिए और हमारे जवानों पर गोलीबारी की. विडंबना यह है कि जिन लोगों को वे बचाने की कोशिश कर रहे थे, उनके हाथों विश्नोई और सिंह की मृत्यु हो गई. संयुक्त राष्ट्र ने डीआरसी में कई विद्रोही मिलिशिया को खदेड़ने और सरकार को स्थिर करने के लिए शांति अभियान चला रखा है.

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सत्तारूढ़ के युवा विंग ने किया था विरोध-प्रदर्शन का आह्वान
कथित तौर पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान सत्तारूढ़ यूडीपीएस के युवा विंग ने किया था, जिसमें नागरिकों और सरकार पर विद्रोही समूहों द्वारा हमलों को रोकने में संयुक्त राष्ट्र की अक्षमता के बारे में शिकायत की गई थी. डीआरसी मिशन में भारत से 139 पुलिस और 1,888 सैन्यकर्मी हैं. बीएसएफ के दो जवानों के मारे जाने के साथ ही शांति अभियानों में मारे गए भारतीयों की संख्या बढ़कर 177 हो गई है. उनमें से, 19 की मृत्यु डीआरसी में संयुक्त राष्ट्र के वर्तमान ऑपरेशन में हुई है. इसके अलावा 960 के दशक में संयुक्त राष्ट्र के अभियानों में 39 भारतीय सैनिकों की मौत हुई थी.

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छह पाक सैनिक भी मार्च में मारे गए
डीआरसी संयुक्त राष्ट्र के सैनिकों के लिए जानलेवा रहा है, जो 1960 के दशक से ऑपरेशन में शामिल 650 लोगों की जान ले चुका है. उनमें से 246 लोग 2010 में परिषद द्वारा बनाए गए एमओएनयूएससीओ के साथ थे, 161 लोग एमओएनयूसी की स्थापना 1999 में साथ थे और 243 लोग 1960 के दशक में ऑपरेशन के साथ थे, जब देश ने अराजक परिस्थितियों में बेल्जियम से स्वतंत्रता प्राप्त की थी जो आज भी जारी है. संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों की हालिया हत्याओं में अप्रैल में कोऑपरेटिवपोर ले डेवलपमेंट डू कांगो के मिलिशिया के हमले में एक नेपाली की मौत हो गई थी. मार्च में छह पाकिस्तानी शांति सैनिकों की मौत हो गई थी, जब मार्च में एक हेलीकॉप्टर को उस क्षेत्र में मार गिराया गया था, जहां एम23 सक्रिय था.