'2027 की जनगणना में जाति जनगणना शामिल नहीं होने का तथ्य गलत, भ्रामक खबरों से बचें लोग'
बंगाल पोर्न रैकेट मामला : पीड़ित महिला का मोबाइल फोन आरोपी के घर से बरामद
अगले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे : धनंजय डी सिल्वा
गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी को अंतिम विदाई, अमित शाह ने दी श्रद्धांजलि
Kerala Lottery Result: केरल लॉटरी में जीते एक करोड़ का पुरस्कार, जानें पूरी लिस्ट
राजा रघुवंशी मर्डर केस से लेकर जनगणना अधिसूचना तक दिनभर के 10 बड़े अपडेट्स्
IND vs ENG: हेडिंग्ले क्रिकेट ग्राउंड में कैसा है भारत-इंग्लैंड का हेड टू हेड रिकॉर्ड? जानकर दुखी हो जाएंगे भारतीय फैंस
गॉल टेस्ट में श्रीलंका पर बढ़त बनाने की कोशिश में बांग्लादेश, मेहदी हसन पर नजर
मेयर राजा इकबाल ने 'आप' को बताया भ्रष्टाचारी, मानसून की तैयारियों पर दी जानकारी

वन बेल्ट वन रोड पर भारत ने चीन के मंसूबों पर फेरा पानी: अमेरिकी थिंक टैंक

अमेरिका के एक थिंक टैंक ने कहा है कि दक्षिण एशिया में चीन के महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड पर लगाम लगाने में कुछ हद तक भारत कामयाब हुआ है।

अमेरिका के एक थिंक टैंक ने कहा है कि दक्षिण एशिया में चीन के महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड पर लगाम लगाने में कुछ हद तक भारत कामयाब हुआ है।

author-image
kunal kaushal
एडिट
New Update
वन बेल्ट वन रोड पर भारत ने चीन के मंसूबों पर फेरा पानी: अमेरिकी थिंक टैंक

प्रतीकात्मक फोटो

अमेरिका के एक थिंक टैंक ने कहा है कि दक्षिण एशिया में चीन के महत्वाकांक्षी वन बेल्ट वन रोड पर लगाम लगाने में कुछ हद तक भारत कामयाब हुआ है।

Advertisment

थिंक टैंक की तरफ से कहा गया है कि भारत दुनिया का एक मात्र ऐसा बड़ा देश है जिसने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर विरोध जताया।

अमेरिकी थिंक टैंक जर्मन मार्शल फंड के ऐंड्रयू स्मॉल ने कहा, 'भारत ने दक्षिण एशिया में चीन के वन बेल्ट वन रोड इनिशटिव पर कुछ हद तक लगाम लगाई है।'

भारत ने वन बेल्ट वन रोड (ओओरओबी) की फ्लैगशिप योजना सीपीईसी को लेकर संप्रभुता संबंधी चिंताओं की वजह से पिछले साल इस परियोजना पर हुई बैठक में हिस्सा नहीं लिया था।

यूएस-चाइना इकनॉमिक ऐंड सिक्योरिटी रिव्यू कमिशन में सुनवाई के दौरान स्मॉल ने कहा, 'भारत श्रीलंका, मालदीव और बांग्लादेश में चीन की परियोजना पर लगाम लगाने में कामयाब रहा है। भारत की अपनी चिंताएं है जिसे सिर्फ आर्थिक विकल्प के तौर पर नहीं देखा जा सकता।'

स्मॉल के मुताबिक चीन ने सीपीईसी और ओआरओबी पर यूरोपियन यूनियन और रूस से समर्थन पाने की कोशिश की। ऐसी ही उसने जापान को भी अपनी कड़ी मेहनत की बदौलत इसकेलिए तैयार कर लिया लेकिन चीन भारत के लिए ऐसे राजनीतिक प्रयास करने में असफल रहा।

स्मॉल ने कहा, 'चीन ने कभी नहीं सोचा था कि भारत सीपीईसी का विरोध करेगा। इससे चीन को इस क्षेत्र में उम्मीदों के मुताबिक परिणाम मिलने की संभावना अब कम दिख रही है। थिंक टैंक के दूसरे विशेषज्ञ के मुताबिक पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान प्रांत में स्थित ग्वादर बंदरगाह को भारत अपने लिए खतरा मानता है।'

एक और विशेषज्ञ ने कहा अगर चीन ग्वादर पोर्ट पर अपनी सैन्य क्षमता का विस्तार करता है तो उसके लिए अरब सागर भारतीय नौसेना की गितिविधि पर नजर रखना बेहद आसान हो जाएगा।

Source : News Nation Bureau

Belt And Road Initiative china INDIA OBOR
      
Advertisment