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पेशावर में दो सिखों की हत्या पर भारत ने पाकिस्तान से जताया विरोध

पेशावर में दो सिखों की हत्या पर भारत ने पाकिस्तान से अपना विरोध जताया. भारत ने घटना पर गहरा रोष जाहिर करते हुए कहा कि घटना की जांच और दोषियों के खिलाफ कारवाई की मांग की.

Updated on: 15 May 2022, 07:08 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के पेशावर के पास अज्ञात हमलावरों ने सिख समुदाय के दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पेशावर कैपिटल सिटी के पुलिस कार्यालय इजाज खान ने कहा कि यह घटना सरबंद पुलिस स्टेशन के अंतर्गत क्षेत्र में हुई है. पेशावर में दो सिखों की हत्या पर भारत ने पाकिस्तान से अपना विरोध जताया. भारत ने घटना पर गहरा रोष जाहिर करते हुए कहा कि घटना की जांच और दोषियों के खिलाफ कारवाई की मांग की.

पेशावर के पास मारे गए लोगों की पहचान सालजीत सिंह (42) और रंजीत सिंह (38) के रूप में हुई. घटना के बारे में जानकारी प्राप्त करने के तुरंत बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंच गई और शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया. इजाज खान ने कहा कि अधिकारियों ने अपराध स्थल से सबूत भी एकत्र किए. उन्होंने कहा कि आसपास के क्षेत्रों के सीसीटीवी कैमरों की भी जांच की जा रही है. कातिलों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चल रहा है.

अधिकारी ने कहा कि घटना में शामिल लोगों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा. खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने इस घटना पर ध्यान दिया और प्रांतीय पुलिस महानिरीक्षक को अपराधियों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया. उन्होंने कहा कि यह घटना पेशावर के कानून और व्यवस्था को बाधित करने का एक प्रयास था.

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने इस घटना की कड़ी निंदा की. शरीफ ने कहा कि उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री ने जीवन की सुरक्षा और नागरिकों, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों की संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने के लिए कहा है. उन्होंने उन्हें संदिग्धों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने और उन्हें कानून के अनुसार दंडित करने का निर्देश दिया.

शरीफ ने पाकिस्तान के दुश्मनों को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने संदिग्धों को गिरफ्तार करने में संघीय सरकार के पूर्ण सहयोग के पीड़ितों के परिवारों को भी आश्वासन दिया. इस बीच, बिलावल भुट्टो ने शामिल लोगों की तत्काल गिरफ्तारी का आह्वान किया है. डॉन ने बताया, किसी को भी देश में अंतर-विश्वास सद्भाव को कम करने और राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पीपीपी देश की वास्तविक प्रतिनिधि पार्टी थी और सिख समुदाय को नहीं छोड़ेंगे.