Delhi में हुए भारत (India) और जापान (Japan) ने अपने-अपने विदेश और रक्षा मंत्रियों की पहले टू-प्लस-टू फॉर्मेट डायलॉग में आतंकवाद की पनाह बने पाकिस्तान को खूब कोसा है. दोनों ही देशों ने पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में कहा है कि पाकिस्तान अपने देश के जमीन पर टेरट नेटवर्क्स पर ठोस और निर्णायक कार्रवाई करे.
भारत और जापान दोनों ही देशों ने पाकिस्तान सरकार (Pakistani Government) से विशेष तौर पर आतंकवाद से निपटने को लेकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से किए वादों पर पूरी तरह खरा उतरने के वादे को निभाने की अपील की है जिनमें वैश्विक आतंक रोधी संस्था फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के सुझाए कदम भी शामिल हैं.
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इस बातचीत में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत का नेतृत्व किया जबकि जापानी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई वहां के विदेश मंत्री तोशिमित्शु मोतेगी और रक्षा मंत्री तारो कोनो ने की.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष आयोजित 13वें भारत-जापान वार्षिक सम्मेलन में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ दोनों देशों के बीच बातचीत के लिए टू-प्लस-टू वाली रूपरेखा तय की थी.
टू-प्लस-टू डायलॉग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापानी विदेश मंत्री Toshimitsu Motegi और रक्षा मंत्री Taro Kono से मुलाकात की.
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टू-प्लस-टू फ्रेमवर्क की पहली बातचीत के बाद जारी भारत-जापान के द्वारा जारी किए गए साझा बयान में कहा गया है कि मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि सभी देशों को यह अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करना होगा कि वे अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश पर किसी भी रूप में आतकंवादी हमले के लिए नहीं होने देंगे.
भारत और जापान ने अन्य सभी देशों से अपील की है कि वो अपने यहां आतंकवादियों का सुरक्षित पनाहगाह विकसित नहीं होने दें। दोनों देशों ने अंतराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवादियों के इन्फ्रस्ट्राक्चर, उनके नेटवर्क्स, उनके फंडिंग चैनल्स को ध्वस्त करने के साथ-साथ आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों पर रोक लगाने का आह्वान किया.
HIGHLIGHTS
- भारत-जापान ने अपने टू-प्लस-टू डायलॉग में पाकिस्तान को खूब कोसा.
- दोनों देशों ने संयुक्त बयान में पाकिस्तान को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है.
- पाकिस्तान अपने जमीन का उपयोग आतंक को पनाह देने के लिए न करे.