भारत महज एक देश न होकर बाजार विविधता तथा वृद्धि के अवसरों के मामले में एक समूचे महाद्वीप का प्रतिनिधित्व करता है. दूरसंचार उद्योग के वैश्विक संगठन जीएसएम एसोसिएशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां यह बात कही. जीएसएमए के महानिदेशक मैट्स ग्रैनरिड ने कहा कि उभरते बाजारों में दक्षिण अफ्रीका तथा उत्तरी अफ्रीका में नाईजीरिया विकसित हैं जबकि रवांडा विकासशील है लेकिन भारत खुद में एक महाद्वीप का प्रतिनिधित्व करता है.
ग्रैनरिड ने मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस 2019 से पहले पीटीआई से एक साक्षात्कार में कहा, ‘भारत अपने आप में एक महाद्वीप जैसा है. यह एक देश भर नहीं है. यह एक महाद्वीप जैसा है. काफी हद तक अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका की उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तरह, लेकिन ये विशालता में भारत से पीछे हैं. भारत में आपके पास दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और बेंगलुरू जैसे विकसित बाजार भी हैं तथा बिहार जैसे हिस्से भी हैं जहां आपके पास विकासशील बाजार उपलब्ध हैं.’
उन्होंने कहा, ‘यदि आपको वास्तव में विकसित बाजार की जरूरत है तो अमेरिका जाइये. यदि आपको विशालता चाहिये तो चीन जाइये. भारत के मामले में यह दोनों उपलब्ध है क्योंकि आपके पास बेहद उन्नत बाजार भी है और बेहद विशालता भी है. इस वजह से भारत काफी दिलचस्प बाजार है.’ग्रैनरिड ने कहा कि भारत में दूरसंचार उपभोक्ताओं की संख्या में पिछले 15 साल में काफी वृद्धि हुई है. यह लगभग नगण्य से मोबाइल सेवा से लैस आबादी के 55 प्रतिशत पर पहुंच गया है. अत: अभी भी आगे के विकास की काफी संभावनाएं शेष हैं.
उन्होंने कहा, ‘भारत मूलत: एक उभरती अर्थव्यवस्था है. यह एक विकासशील देश है और हम सभी जानते हैं कि भौतिक बुनियादी संरचना उतनी अच्छी नहीं है. हम सभी यह भी जानते हैं कि फिक्स्ड लाइन का अच्छी तरह से निर्माण नहीं हुआ है. अत: इसके बजाय वायरलेस कनेक्टिविटी अधिक मुफीद है. आप कह सकते हैं भारत में 5जी का विकास फाइबर आधारित बदलाव से होगा.’
Source : PTI