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चाबहार प्रोजेक्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)
भारत और ईरान रविवार को रणनीतिक चाबहार परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर सहमत हुए और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ईरानी समकक्ष जवाद जरीफ के साथ पारस्परिक हितों से जुड़े क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर व्यापक बातचीत की. चाबहार बंदरगाह को भारत, ईरान और अफगानिस्तान संयुक्त रूप से विकसित कर रहे हैं.
इस परियोजना को तीन देशों के मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार के सुनहरे अवसरों के लिए प्रवेश द्वार माना जाता है. जयशंकर दो दिवसीय ईरान यात्रा पर हैं. उन्होंने जरीफ के साथ 19 वें संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता की. उनके ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात करने की भी उम्मीद है. जयशंकर ने बैठक के बाद ट्वीट किया कि सह-अध्यक्ष विदेश मंत्री जरीफ के साथ भारत-ईरान संयुक्त आयोग की सार्थक बैठक संपन्न हुई. उन्होंने कहा, ‘अपने सहयोग के पूरे आयाम ​​की समीक्षा की. अपनी चाबहार परियोजना की गति तेज करने पर सहमत हुए.’
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अमेरिका ने ईरान में चाबहार बंदरगाह के मामले में भारत को प्रतिबंधों से छूट दी है क्योंकि वाशिंगटन का कहना है कि यह रणनीतिक परियोजना युद्धग्रस्त अफगानिस्तान के लिए भारत से मानवीय आपूर्ति प्राप्त करने के लिए जीवनरेखा है. जयशंकर ने ज़रीफ़ को उनके सौहार्दपूर्ण स्वागत और सत्कार के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने ट्वीट किया, ‘ईरानी विदेश मंत्री के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक तस्वीर पर बहुत अच्छी बातचीत हुई. भारत और ईरान अपने साझा हितों को लेकर मिलकर काम करेंगे.’
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इससे पहले जरीफ ने ट्वीट किया कि दोनों देशों ने करीबी द्विपक्षीय संबंधों और हमें प्रभावित करने वाले क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर अच्छी चर्चा की. उन्होंने कहा कि हमारे संबंध प्राचीन, ऐतिहासिक और अटूट हैं. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने महासभा के 74 वें सत्र के मौके पर रूहानी से मुलाकात की थी.
Source : Bhasha
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