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कंगाल Pakistan को भारत की ओर से मिला बातचीत का न्योता, क्या मई में आएंगे बिलावल? 

पाकिस्तान के हालत दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं. देश आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. पिछले दिनों पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने पीएम मोदी से बातचीत की अपील की थी.

Updated on: 25 Jan 2023, 12:00 PM

highlights

  • SCO बैठक की मेजबानी इस बार भारत कर रहा है
  • यह बैठक 4 और 5 मई को होनी है
  • 12 वर्ष बाद उसके किसी बड़े नेता का भारत में आना होगा  

नई दिल्ली:

पाकिस्तान (Pakistan) के हालत दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं. देश आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. पिछले दिनों पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने पीएम मोदी (PM Modi) से बातचीत की अपील की थी. इस अपील के बाद बुधवार को भारत ने शंघाई शिखर सम्मेलन (SCO) में विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान को शामिल करने का निमंत्रण भेजा है. यह बैठक गोवा में मई के पहले सप्ताह में होगी. विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) की ओर इस्लामाबाद (Islamabad) में भारतीय उच्चायोग के द्वारा बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto Zardari) को निमंत्रण भेजा गया है. हालांकि अभी तक पाकिस्तान की ओर से इस बैठक में शामिल होने की पुष्टि नहीं हुई है. गौरतलब है कि एससीओ की बैठक में चीन (China) और रूस (Russia) मौजूद हैं. ऐसे में पाकिस्तान इस बैठक से दूरी नहीं बना पाएगा. 

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इस बैठक की मेजबानी इस बार भारत कर रहा है. यह बैठक 4 और 5 मई को होनी है. अगर पाकिस्तान इस न्योते को स्वीकार करता है तो करीब 12 वर्ष बाद उसके किसी बड़े नेता का भारत में आना होगा. इससे पहले पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी 2011 में भारत आई थीं. चीन और रूस के अलावा कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान भी एससीओ के सदस्य हैं. ऐसे में चीन और रूस के अलावा मध्य ऐशियाई देशों को भी निमंत्रण भेजा गया है. मगर पाकिस्तान को निमंत्रण देना काफी अहम है. 

पीएम मोदी से बातचीत की अपील

बीते दिनों पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने एक इंटरव्यू में पीएम मोदी से बातचीत की अपील की थी. उनका कहना था कि वे युद्ध के रास्ते पर नहीं जाना चाहते हैं, बल्कि अमन और शांति पर चलकर देश की तरक्की करना चाहते हैं. उन्होंने कहा था कि भारती से हुए युद्ध से उन्होंने सबक सीखा है. इससे देश में गरीबी और बेरोजगारी फैलती है. उन्होंने इस बीच पीएम मोदी से बातचीत की अपील की थी. गौरतलब है ​कि बीते आठ सालों से भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंध रहे हैं. इस बीच पाकिस्तान की हालत खस्ता होती जा रही है. उसका विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने की कगार पर है. हाल ही में उसने सऊदी अरब से मदद की गुहार लगाई थी. वहीं कई देशों से वह कर्ज लेने की बात कर चुका है.