नागरिकता संशोधन अधिनियम पर भारत को मिला पड़ोसी मालदीव का साथ, पढ़ें पूरी खबर

नागरिकता संशोधन अधिनियम पर मालदीव ने भारत का साथ दिया है. मालदीव का कहना है कि यह भारत का आंतरिक मामला है और हमें भारत पर पूरा भरोसा है.

नागरिकता संशोधन अधिनियम पर मालदीव ने भारत का साथ दिया है. मालदीव का कहना है कि यह भारत का आंतरिक मामला है और हमें भारत पर पूरा भरोसा है.

author-image
Sunil Mishra
New Update
नागरिकता संशोधन अधिनियम पर भारत को मिला पड़ोसी मालदीव का साथ, पढ़ें पूरी खबर

नागरिकता संशोधन अधिनियम पर भारत को मिला पड़ोसी मालदीव का साथ( Photo Credit : ANI Twitter)

नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act 2019) को लेकर मोदी सरकार (Modi Sarkar) चौतरफा घिरी है. असम (Assam) सहित पूर्वोत्‍तर (North East) में बवाल चल रहा है. बवाल की आग दिल्‍ली भी पहुंच गई है. विपक्षी दल इस बिल को लेकर हमलावर हैं तो जापान (Japan) के पीएम शिंजो (Shinzo Abe) आबे और बांग्‍लादेश के विदेश मंत्री एके अब्‍दुल मोमेन (AK Abdul Momen) ने अपनी नई दिल्‍ली की यात्रा को स्‍थगित कर दिया है. संयुक्‍त राष्‍ट्र (UN) ने भी इस अधिनियम को लेकर चिंता जताई है. अमेरिकी कांग्रेस (American Congress) की धार्मिक मामलों की समिति ने इस बिल पर कड़ी आपत्‍ति जताई है. ऐसे में पड़ोसी देश मालदीव ने भारत का साथ दिया है. मालदीव का कहना है कि यह भारत का आंतरिक मामला है और हमें भारत पर पूरा भरोसा है.

Advertisment

यह भी पढ़ें : पाकिस्‍तान ने प्रतिबंध तो लगा दिया पर भारतीय सामानों की बिक्री को रोक नहीं पा रहा, जानें कैसे

मालदीव की संसद के स्‍पीकर मोहम्‍मद नशीद ने कहा, यह भारत का आंतरिक मुद्दा है. हमें भारतीय लोकतंत्र पर भरोसा है. यह प्रक्रिया संसद के दोनों सदनों से होकर गुजरी है. वहीं, ज़ाकिर नाइक को शरण देने के मामले में नशीद ने कहा, हमने ज़ाकिर नाइक को पहले अनुमति दी थी क्योंकि तब हमारी जानकारी के अनुसार, उनके साथ कोई समस्या नहीं थी. हमारे पास ऐसे लोगों के साथ कोई समस्या नहीं है, जो इस्लाम का अच्छे से प्रचार करते हैं लेकिन अगर आप नफरत का प्रचार करना चाहते हैं, तो हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते.

मोहम्‍मद नशीद ने बताया, पिछले 6-7 वर्षों के दौरान बड़ी मात्रा में चीनी धन परियोजनाओं के रूप में मालदीव में आया है, जिनमें से अधिकांश में कीमतें बढ़ी हैं. हम ऋण का भुगतान करने में असमर्थ हैं.

यह भी पढ़ें : जेएनयू आंदोलन के बीच हटाए गए शिक्षा सचिव, कई अन्‍य नौकरशाहों का भी तबादला

मोहम्‍मद नशीद बोले, जब आप ऋण का भुगतान करने में असमर्थ होते हैं, तो वे इक्विटी के लिए पूछते हैं और इक्विटी के साथ हमें कई बार भूमि और संप्रभुता को त्यागना पड़ा है. यह एक गंभीर मामला है. इसके लिए एक पैटर्न है. हम चिंतित हैं और चाहते हैं कि चीनी अधिकारी इस मुद्दे का उचित हल निकालें.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

INDIA modi govt Citizenship Amendment Act-2019 Maldeve
Advertisment