UNSC: यूक्रेन के 4 राज्यों के रूस में विलय के खिलाफ मतदान में भारत ने नहीं लिया भाग

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के

author-image
Iftekhar Ahmed
एडिट
New Update
Kamboj

UNSC में रूस के खिलाफ मतदान से भारत न नहीं लिया भाग( Photo Credit : File Photo)

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में रूस के "अवैध जनमत संग्रह" और चार यूक्रेनी क्षेत्रों के कब्जे की निंदा करने वाले एक मसौदा प्रस्ताव पर भारत ने शुक्रवार को मतदान में भाग नहीं लिया. भारत के साथ ही चीन, गैबॉन और ब्राजील ने मतदान में नहीं लिया भाग. वहीं, 15 देशों की परिषद में से 10 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. हालांकि, रूस द्वारा वीटो किए जाने के कारण यह प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो सका. 15 देशों वाले सुरक्षा परिषद UNSC में अमेरिका और अल्बानिया द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव के मसौदे पर मतदान किया था. प्रस्ताव में रूस के "यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर के क्षेत्रों में अवैध रूप से कथित जनमत संग्रह " की निंदा की गई थी. इस प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले चर्चा के दौरान  भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने यूक्रेन में हिंसा को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया और वार्ता की मेज पर वापसी के लिए रास्ते खोजने की आवश्यकता पर जोर दिया.

Advertisment

 'मतभेदों और विवादों को सुलझाने के लिए संवाद ही एकमात्र हल'
कंबोज ने कहा कि यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत परेशान है. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली ने हमेशा इस बात की वकालत की है कि मानव जीवन की कीमत पर कोई समाधान कभी नहीं आ सकता है. “हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए संबंधित पक्षों द्वारा सभी प्रयास किए जाएं. मतभेदों और विवादों को सुलझाने के लिए संवाद ही एकमात्र जवाब है, चाहे वह इस समय कितना भी कठिन क्यों न हो. उन्होंने कहा कि शांति के मार्ग के लिए हमें कूटनीति के सभी चैनलों को खुला रखने की आवश्यकता है. कंबोज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की सहित विश्व नेताओं के साथ अपनी चर्चा में भारत के रुख को स्पष्ट रूप से अवगत करा दिया है. 

'आज का युग युद्ध का युग नहीं है'
 उन्होंने पिछले सप्ताह उच्च स्तरीय महासभा सत्र के दौरान यूक्रेन पर विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा दिए गए बयानों का भी जिक्र किया. वहीं, पुतिन के साथ पीएम मोदी की मुलाकात के बाद उनकी हालिया टिप्पणी को दोहराते हुए कहा कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है. काम्बोज ने कहा कि नई दिल्ली को तत्काल युद्ध विराम और संघर्ष के समाधान के लिए शांति वार्ता जल्द से जल्द फिर से शुरू होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इस संघर्ष की शुरुआत से ही भारत की स्थिति स्पष्ट रही है, जो वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और संप्रभुता के सम्मान और सभी राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों पर आधारित है. बयानबाजी या तनाव का बढ़ना किसी के हित में नहीं है. 

सिर्फ एक बार भारत ने रूस के खिलाफ किया था वोट
गौरतलब है कि भारत ने यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में "प्रक्रियात्मक वोट" के दौरान 24 अगस्त, 2022 को पहली बार रूस के खिलाफ मतदान किया था, क्योंकि 15 सदस्यीय शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को वीडियो टेली-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक  संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया था. इसके अलावा हर मौके पर भारत ने रूस के खिलाफ मतदान से परहेज किया था.

प्रस्ताव में रूसी कदम को बताया गया अवैध
रूस के खिलाफ सुरक्षा में लाए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि रूस की ओर से यूक्रेन के चार राज्यों में लुहान्स्क, डोनेट्स्क, खेरसॉन और ज़ापोरिज्ज्या के कुछ हिस्सों में इस वर्ष 23 और 27 सितंबर के बीच किए गए जनमत संग्रह को अवैध करार दिया गया है. प्रस्ताव में कहा गया था कि यूक्रेन के इन क्षेत्रों की स्थिति की वैधता के किसी भी परिवर्तन का आधार नहीं बन सकता है, जिसमें मास्को द्वारा इनमें से किसी भी क्षेत्र का "कथित विलय" शामिल है. 

HIGHLIGHTS

  • रूस द्वारा वीटो किए जाने के कारण यह प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो सका
  • 15 देशों की परिषद में से 10 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया
  • भारत, चीन, गैबॉन और ब्राजील ने मतदान में नहीं लिया भाग 

Source : News Nation Bureau

Ukraine-Russia Conflict ukraine russia ukraine war Ukraine Crisis russia ukraine war updates in eng ukraine russia upsc crisis in ukraine russia ukraine inv russia ukraine conflict Russia Ukraine Crisis russia ukraine russia vs ukraine war update in hindi
      
Advertisment