भारत और चीन के बीच डोकलाम में लंबे समय से चल रहे गतिरोध के बीच शुक्रवार को पहली बार दोनो देशों के बीच सीमा को लेकर बातचीत हुई। इस बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'दोनों देशों के बीच रचनात्मक और दूरंदेशी तरीकों से चर्चा हुई।'
चीन और भारत के अधिकारियों ने शुक्रवार को बीजिंग में भारत-चीन मामलों पर परामर्श व समन्वय कार्यतंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के तहत 10वें चरण में सीमा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
बयान के अनुसार, 'दोनों देशों ने भारत-चीन सीमा के सभी पक्षों की स्थितियों की समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों की सतत वृद्धि के लिए सीमा क्षेत्र पर शांति बनाए रखने पर सहमत हुए।'
यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब कुछ महीने पहले भूटान में दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ गई थी और इससे क्षेत्र में तनाव उत्पन्न हो गया था। बाद में अगस्त में दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने के फैसले के बाद यह विवाद समाप्त हुआ था।
ICJ के लिए दलवीर भंडारी और क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच मुक़ाबला, सोमवार को नए चरण का मतदान
इससे पहले इस माह की शुरुआत में चीन ने रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण की अरुणाचल यात्रा का विरोध किया था, लेकिन भारत ने इस राज्य को कड़ाई से भारत का अभिन्न अंग बताया था।
इस बैठक में भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव(पूर्व एशिया) प्रणव राय और चीन की तरफ से चीनी विदेश मंत्रालय में एशियाई मामलों के विभाग में महानिदेशक जिआओ क्यान मौजूद थे।
मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों पक्षों की तरफ से कूटनीतिक एवं सैन्य अधिकारी शामिल थे।
जापानी कंपनियों में मेन पावर की कमी, विदेशी कामगारों पर टिकी नज़र
वीएमसीसी की स्थापना भारत और चीन की सीमा पर शांति स्थापना के मद्देनजर समन्वय व परामर्श के लिए कार्यतंत्र गठित करने और दोनों देशों के बीच संचार मजबूत करने और विचारों का आदान-प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच भूटान के डोकलाम में लगभग ढाई महीनों तक विवाद रहा। यह विवाद जून में उस समय शुरू हुआ था, जब चीन की सेना ने भूटान क्षेत्र में सड़क निर्माण करना शुरू कर दिया था। यह विवाद अगस्त में समाप्त हुआ।
पाक सेनाध्यक्ष बाजवा ने कहा, सेना पूर्वी सीमा पर किसी भी खतरे से निपटने को तैयार
Source : News Nation Bureau