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NSG सदस्यता पर रोड़ा अटकाने के बावजूद भारत और चीन की निरस्त्रीकरण और अप्रसार पर वार्ता

एनएसजी में भारत की सदस्यता में रोड़ा अटकाने की चीन की कोशिशों के बीच दोनों देशों ने निरस्त्रीकरण और अप्रसार के मुद्दे पर पांचवे दौर की वार्ता की।

Updated on: 10 Apr 2018, 08:05 PM

नई दिल्ली:

एनएसजी में भारत की सदस्यता में रोड़ा अटकाने की चीन की कोशिशों के बीच दोनों देशों ने निरस्त्रीकरण और अप्रसार के मुद्दे पर पांचवे दौर की वार्ता की।  इस वार्ता में देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और निरस्त्रीकरण पर चर्चा की गई। 

पिछले दो सालों से चीन एनएसजी में भारत की सदस्यता देने पर रोड़ा अटका रहा है। उसका कहना है कि भारत ने किसी भी परमाणु अप्रसार समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किया है। जबकि इस संगठन के 48 सदस्य भारत की सदस्यता का समर्थन कर रहे हैं।

पाकिस्तान भी इस ग्रुप में शामिल होना चाहता है और चीन का भारत विरोध इस बात को लेकर है कि पाकिस्तान को भी इसका सदस्य बनाया जाए।

बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि मंगलवार को हुई इस वार्ता में दोनों पक्षों ने पारस्परिक हितों के तमाम मुद्दों पर चर्चा की जिसमें निरस्त्रीकरण और अप्रसार को हर मंच पर उठाया जाना शामिल है। इसके साथ ही परमाणु मुद्दे, वर्तमान वैश्वुक सुरक्षा के मद्देनज़र विज्ञान और तकनीकी की भूमिका। साथ ही अंतरिक्ष में सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की गई।

बयान में कहा गया है, 'दोनों देशों ने इस पर जोर दिया कि विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिये दोनों देशों के बीच बातचीत एक बेहतर प्रणाली है।'

हालांकि दोनों इसमें भारत की एनएसजी सदस्यता को लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं की गई है।

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चीन ने कहा है कि एनएसजी में सदस्यता के लिये गैर-एनपीटी देशों को एनएसजी में शामिल करने के लिये नियम बनाए जाएं। उसके बाद अलग-अलग देशों की सदस्यता को लेकर चर्चा की जाए।

पिछले साल चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था कि भारत की एनएसजी सदस्यतो को लेकर चीन के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है।

जहां तक भारत का सवाल है वो चीन के साथ एनएसजी सदस्यता को लेकर विभिन्न स्तर पर चर्चा कर रहा है। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिन से भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी।

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