भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तरीय वार्ता, 14 घंटे चली बैठक

भारत औऱ चीन के बीच जारी तनाव दूर करने के लिए मंगलवार को कोर कमांडर स्तरीय वार्ता हुई. ये वार्ता लगभग 14.5 घंटे चली

भारत औऱ चीन के बीच जारी तनाव दूर करने के लिए मंगलवार को कोर कमांडर स्तरीय वार्ता हुई. ये वार्ता लगभग 14.5 घंटे चली

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Aditi Sharma
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भारत-चीन के बीच कोर कमांडर स्तरीय वार्ता( Photo Credit : फाइल फोटो)

भारत औऱ चीन के बीच जारी तनाव दूर करने के लिए मंगलवार को कोर कमांडर स्तरीय वार्ता हुई. ये वार्ता लगभग 14.5 घंटे चली. यह बैठक कल पूर्वी लद्दाख के चुशुल में सुबह 1130 बजे शुरू हुई थी और 15 जुलाई को लगभग 2 बजे समाप्त हुई. इस बैठक में एलएसी पर तनाव को कम करने और पैंगोंग त्सो और डेपसॉन के इलाकों में सैन्य मौजूदगी कम करने की रुपरेखा समेत कई मुद्दों पर गहन मंथन हुआ. भारत की ओर से इस बैठक में हरिंदर सिंह शामिल हुए. इस बैठक में एलएसी पर दोनों तरफ मौजूद करीब 30 हजार सैनिकों के डि-एस्केलेशन प्रोसेस का पूरा रोडमैप बनाने को लेकर भी मंथन हुआ.

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बता दें, एलएसी पर तनाव कम करने को लेकर भारत-चीन (India-China) के बीच लगातार बातचीत जारी है. इसे लेकर चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि हम सीमा पर शांति चाहते हैं. सीमा पर जल्दी ही सैन्य सहमति को लागू करेंगे. तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच वार्ता जारी है और आगे भी जारी रहेगी. उन्होंने आगे कहा कि अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों को हटाया गया है.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने रविवार को टेलीफोन पर बात की, जिसमें वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सैनिकों के जल्द से जल्द पीछे हटने पर सहमत हुए. डोभाल और वांग दोनों देशों के बीच सीमा वार्ता से संबंधित विशेष प्रतिनिधि हैं.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इस वार्ता को ‘खुली और विचारों का व्यापक आदान-प्रदान’ करार दिया तथा कहा कि डोभाल और वांग इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को एलएसी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को ‘तेजी से’पूरा करना चाहिए. भारत और चीन के सैनिकों के बीच पैंगोंग सो, गलवान घाटी और गोग्रा हॉट स्प्रिंग सहित पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में आठ सप्ताह से गतिरोध जारी है.

भारत और चीन के सैन्य अधिकारियों के बीच गत 30 जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की तीसरे दौर की वार्ता हुई थी जिसमें दोनों पक्ष गतिरोध को समाप्त करने के लिए ‘प्राथमिकता’ के रूप में तेजी से और चरणबद्ध तरीके से कदम उठाने पर सहमत हुए थे. लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की वार्ता छह जून को हुई थी, जिसमें दोनों पक्षों ने गतिरोध वाले सभी स्थानों से धीरे-धीरे पीछे हटने के लिए समझौते को अंतिम रूप दिया था जिसकी शुरुआत गलवान घाटी से होनी थी.

हालांकि, स्थिति तब बिगड़ गई जब 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए. झड़प में चीनी सेना को भी नुकसान पहुंचने की खबरें हैं. इस घटना के बाद दोनों देशों ने एलएसी से लगते अधिकतर क्षेत्रों में अपनी-अपनी सेनाओं की तैनाती और मजबूत कर दी.

Source : News Nation Bureau

INDIA china core commander level meeting
      
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