'भारतीय मेहनती नहीं हैं, वो सिर्फ चिल्ला सकते हैं': चीनी मीडिया

इंडियन प्रोडक्ट्स चाइनीज प्रोडक्ट्स के मुकाबले कहीं नहीं टिकते।

इंडियन प्रोडक्ट्स चाइनीज प्रोडक्ट्स के मुकाबले कहीं नहीं टिकते।

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Deepak K
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'भारतीय मेहनती नहीं हैं, वो सिर्फ चिल्ला सकते हैं': चीनी मीडिया

चीनी प्रोडक्ट्स की अक्टूबर के पहले हफ्ते में रिकॉर्ड सेल हुई है।

भारत में चीनी प्रोडक्ट्स पर बैन लगाने की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार कैम्पेन चल रहा है। इस कैम्पेन पर चीन का सरकारी मीडिया बौखलाया हुआ है। चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, "भारतीय मेहनती नहीं हैं, वो सिर्फ चिल्ला सकते हैं। इंडियन प्रोडक्ट्स चाइनीज प्रोडक्ट्स के मुकाबले कहीं नहीं टिकते। दोनों देशों के बढ़ते ट्रेड डेफिसिट पर भी भारत कुछ नहीं कर सकता।"

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अख़बार ने लिखा है,"पाकिस्तानी आतंकियों को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कराने के भारत की कोशिशों के विरोध के चलते वे लोग नाराज हैं। सोशल मीडिया पर चीनी प्रोडक्ट्स के बायकॉट का कैम्पेन चल रहा है।"

अखबार ने नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट को भी अव्यावहारिक बताया है। वहीं भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर अखबार का कहना है, "अमेरिका किसी का दोस्त नहीं है। वो सिर्फ चीन को घेरने के लिए भारत को दुलार रहा है।"

अख़बार ने चीनी कंपनी को सुझाव देते हुए कहा है कि चीनी कंपनियां भारत के बजाए अपने ही देश में कारखाने लगाएं। चीनी प्रोडक्ट खरीदने के लिए भारतीय व्यापारी हर हाल में यहीं आएंगे। वहां पर कारखाना लगाने में पैसा बर्बाद कर अपनी व्यवस्था क्यों बिगाड़ी जाए।

अखबार ने कहा, 'भारत में बिजली-पानी की कमी है और वहां के लोग भी अधिक मेहनती नहीं है। ऊपर से नीचे तक करप्शन फैला है। चीनी कंपनी के लिए भारत में इन्वेस्टमेंट आत्मघाती होगा। हालांकि भारत के पास काफी पैसा है, लेकिन अधिकांश पैसा नेताओं, अफसरों और उनके कुछ क़रीबी बिज़नेसमैन तक ही सीमित है। ये लोग अपने देश में पैसा खर्च नहीं करना चाहते इसीलिए मेक इन इंडिया जैसी अव्यावहारिक स्कीम शुरू की गई है।

अख़बार के अनुसार, “भारत में दीपावाली हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहार है और खरीददारी के लिहाज़ से भी काफ़ी अहम है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से भारतीय सोशल मीडिया पर चीनी गुड्स के बायकॉट के लिेए कैम्पेन चलाया जा रहा है। कुछ नेता भी फैक्ट्स को बढ़ा-चढ़ा कर पेश कर रहे हैं।

उनके मुताबिक भारतीय मीडिया भी चीनी सामान के विरोध में प्रचार कर रहा है, इसके बावजूद भारत सरकार ने कभी भी चीनी प्रोडक्ट्स की आलोचना नहीं की है।

लेख के अनुसार, चीनी प्रोडक्ट्स की अक्टूबर के पहले हफ्ते में रिकॉर्ड सेल हुई है और बायकॉट का कैम्पेन असफल रहा है। चीन की हैंडसेट कंपनी श्याओमी ने फ्लिपकार्ट, एमेजन इंडिया, स्नैपडील और टाटा क्लिक जैसे प्लैटफॉर्म्स पर सिर्फ 3 दिन में 5 लाख फोन बेचे हैं।

Source : News Nation Bureau

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