चीन ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में द्विपक्षीय विवाद को शामिल करने बचना चाहिये। साथ ही उन्हें संघ के नियमों के तहत काम करना चाहिए।
चीन के सहायक विदेश मंत्री कोंग शुआनयू ने कहा कि एससीओ में भारत और पाकिस्तान के बीच 'शत्रुता' को उठाया जाना समूह के लिए अच्छा नहीं होगी।
कोंग ने कहा, 'एससीओ के चार्टर में एक खंड है कि द्विपक्षीय संबंधों की शत्रुता संगठन में शामिल नहीं करनी चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'मैं मानता हूं कि उन देशों को चार्टर का पालन करना चाहिए। संगठन के अपने नियम और प्रक्रियाएं हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इन नियमों का सभी सदस्य देशों द्वारा पालन किया जाएगा।'
और पढ़ें: चीन का पाक को संदेश: SCO का इस्तेमाल कश्मीर के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिये नहीं
उन्होंने एससीओ कार्यक्रम के दौरान भारतीय पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह टिप्पणी की। यहां भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे फहराए गए थे, क्योंकि पिछले सप्ताह कजाकिस्तान के अस्ताना में हुए शिखर सम्मेलन में इन दोनों देशों को संगठन की पूर्णकालिक सदस्यता मिली थी।
चीन, भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय विवाद से इस मंच के प्रभावित होने को लेकर चिंतित है।
एक वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक ने हालांकि कहा कि यह एससीओ द्विपक्षीय विवाद को हल करने का मंच नहीं है।
भारत और पाकिस्तान के राजदूत विजय गोखले और मसूद खालिद दोनों ही इस अवसर पर एससीओ सचिवालय में उपस्थित थे।
और पढ़ें: योगी आदित्यनाथ का लालू-नीतीश पर हमला, कहा- बेमेल शादी को बिहार की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गोखले ने कहा, 'अब एससीओ के पूर्ण सदस्य के रूप में हम पारस्परिक लाभ के लिए इन संबंधों को और मजबूत बनाने की उम्मीद करते हैं।'
उन्होंने कहा, 'हम आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त लड़ाई में हमारे सहयोग को भी गहरा करना चाहते हैं।'
और पढ़ें: पेट्रोल 1.12 रुपये प्रति लीटर हुआ सस्ता, डीजल के दाम भी हुए कम
Source : IANS