भारत और फ्रांस ने हिंसा और नफरत वाली ऑनलाइन सामग्री के खिलाफ मिलकर लड़ने और मुक्त एवं विश्वसनीय साइबरस्पेस की प्रतिबद्धता जताई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के बीच गुरुवार को पेरिस से 50 किलोमीटर दूर सैतो दे सैनिली में हुई बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में दोनों देशों ने साइबर सुरक्षा (Cyber Security) और डिजिटल प्रौद्योगिकी (Digital Technology)का खाका खींचा. दोनों देश आर्थिक वृद्धि और स्थायी विकास के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी (Digital Technology)को परिवर्तनकारी माध्यम बनाने पर भी सहमत हुए.
संयुक्त वक्तव्य के मुताबिक फ्रांस का आर्थिक और वित्त मंत्रालय व भारत का इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत-फ्रांस डिजिटल साझेदारी को उचित तरीके से लागू करने लिए समन्वय के लिए नोडल बिंदु होगा. भारत-चीन डिजिटल साझेदारी पर चर्चा और गहन आदान-प्रदान के लिए नियमित बैठक और वीडियो कांफ्रेंसिंग पर भी सहमति बनी. भारत और फ्रांस ने साइबरस्पेस में विश्वास, सुरक्षा और स्थिरता में सुधार के लिए अपनी साझी जिम्मेदारी और संबंधित भूमिका को स्वीकार किया. साथ ही सरकार, उद्योग, शैक्षणिक और नागरिक समाज के स्तर पर संयुक्त पहल पर जोर दिया.
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दोनों देशों ने डिजिटल तकनीक को सामाजिक बदलाव का माध्यम बनाने का इरादा जताया ताकि आर्थिक वृद्धि, स्थायी विकास और सुरक्षित इंटरनेट पहुंच सुनिश्चित की जा सके जो डिजिटल विभाजन को कम करने के लिए जरूरी है. बयान में कहा गया कि भारत और फ्रांस ने निर्बाध, भरोसेमंद, सुरक्षित, स्थिर और शांतिपूर्ण साइबरस्पेस के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई.
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साइबर संवाद के महत्व को इंगित करते हुए दोनों पक्षों ने साइबर सुरक्षा (Cyber Security) एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान,संदिग्ध गतिविधियों को रोकने और तुरंत ऐसी गतिविधियों के खिलाफ कदम उठाने में सहयोग करने की इच्छा जताई. बयान के मुताबिक भारत और फ्रांस ने 5जी प्रौद्योगिकी को लागू करने और उससे जुड़े खतरे और समाधान के लिए मिलकर काम करने की पुष्टि की.
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दोनों देशों के संयुक्त वक्तव्य में कहा गया, ‘‘ फ्रांस और भारत गैरकानूनी घृणात्मक भाषण सहित सोशल मीडिया पर आतंकवाद और हिंसक चरमपंथी सामग्री के प्रति जिम्मेदारी और जवाबदेही की पुष्टि करते हैं.’’ दोनों देशों ने स्वीकार किया कि साइबर अपराध अंतरराष्ट्रीय अपराध है और इससे निपटने और न्याय के कटघरे में लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत है.
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भारत और फ्रांस ने इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भुगतान में ग्राहकों को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने की प्रतिबद्धता जताई. बयान में कहा गया कि दोनों देशों ने कृत्रिम बुद्धिमता के विकास से संभावनाओं को स्वीकार किया खासतौर पर स्थायी विकास, ई-गवर्नेंस, स्वचालित परिवहन, स्मार्ट सिटी, साइबर सुरक्षा (Cyber Security) , स्वास्थ्य और कृषि में. भारत और फ्रांस ने निजी सूचनाओं की रक्षा, डिजिटल विभाजन कम करने, डिजिटल क्षेत्र और डिजिटल गवर्नेंस में कारोबारी सहयोग को लेकर प्रतिबद्धता जतायी.
Source : एजेंसी