भारत ने बेशर्म पाकिस्तान को फिर लगाई लताड़, UN में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न पर खरी-खोटी

अपने पक्ष को मजबूती से रखते हुए भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन में पाकिस्तान की ओर से किए गए बदलावों पर भी तीखे सवाल उठाए.

अपने पक्ष को मजबूती से रखते हुए भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन में पाकिस्तान की ओर से किए गए बदलावों पर भी तीखे सवाल उठाए.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Ashish Sharma

संयुक्त राष्ट्र में प्रथम सचिव आशीष शर्मा ने लगाई पाकिस्तान को लताड़.( Photo Credit : न्यूज नेशन.)

जम्मू-कश्मीर से बीते साल अनुच्छेद 370 हटाने को कश्मीरी मुसलमानों का उत्पीड़न करार देने वाला इमरान खान का नया पाकिस्तान एक बार फिर भारत की लताड़ खाने को मजबूर हो गया. संयुक्त राष्ट्र में 'कल्चर ऑफ पीस' पर स्थायी मिशन के प्रथम सचिव आशीष शर्मा ने उसे जमकर खरी-खोटी सुनाई. सीमा पार से आतंकियों के समर्थन पर पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए भारत ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान लगातार शांति की संस्कृति के प्रस्ताव का उल्लंघन करता आ रहा है. अपने पक्ष को मजबूती से रखते हुए भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारा प्रबंधन में पाकिस्तान की ओर से किए गए बदलावों पर भी तीखे सवाल उठाए.

Advertisment

करतारपुर साहिब दुरुद्वारा प्रबंधन में गैर सिखों का नियंत्रण
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र में एक बार फिर से पाकिस्तान पर निशाना साधा. 'कल्चर ऑफ पीस' पर संयुक्त राष्ट्र में भारत ने अपनी बात रखते हुए आशीष शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान पहले ही इस सभा की ओर से पिछले साल पास शांति की संस्कृति को लेकर प्रस्ताव का उल्लंघन कर चुका है. भारत ने कहा कि पिछले महीने ही पाकिस्तान ने सिखों के धार्मिक स्थल करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के प्रबंधन में बदलाव किया. इसे सिख समुदाय की जगह गैर-सिख समुदाय के प्रशासनिक नियंत्रण में स्थानांतरित कर दिया. उसका ये कदम सिख धर्म और उसके संरक्षण के खिलाफ है.

यह भी पढ़ेंः विकिपीडिया को J&K का गलत नक्शा दिखाने वाले लिंक को हटाने का आदेश

भारत में विभिन्न धर्मों के खिलाफ उगल रहा नफरत
पाकिस्तान की बेशर्मी को तार-तार करते हुए आशीष शर्मा ने याद दिलाया कि पवित्र करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का उल्लेख पहले के प्रस्ताव में भी है. इस प्रस्ताव का उल्लंघन पाकिस्तान की ओर से किया गया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान यदि भारत में शांति के साथ रह रहे विभिन्न धर्मों के खिलाफ नफरत की अपनी मौजूदा संस्कृति को बदलता है और सीमा पार से होने वाले आतंकवाद के समर्थन को रोकता है तो हम दक्षिण एशिया और इसके बाहर भी शांति की वास्तविक संस्कृति का प्रयास कर सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः स्वदेशी आकाश और रूसी इगला रक्षा मिसाइलों का किया गया अभ्यास, जानें क्यों

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार 
इसके साथ ही आशीष शर्मा ने संयुक्त राष्ट्र को चेताते हुए कहा कि ऐसा नहीं होने पर हम पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न और उन पर होने वाले अत्याचार को मुकदर्शक की तरह देखते रहेंगे. पाकिस्तान डरा-धमका कर, धर्म परिवर्तन करा और जान-माल की हत्या कर अपने यहां के अल्पसंख्यकों को खत्म कर रहा है. स्थिति यह आ गई है कि पाकिस्तान में एक ही धर्म के लोग भी सुरक्षित नहीं हैं. एक ही धर्म के लोग भी विभाजनकारी हिंसा का शिकार हैं. इस पर लगाए लगाए बगैर शांति की संस्कृति की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. 

INDIA pakistan imran-khan पाकिस्तान भारत United Nations संयुक्त राष्ट्र Culture Of Peace Minorities Attacked Terror Support अल्पसंख्यक उत्पीड़न आतंक की नर्सरी
      
Advertisment