पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता में आने के करीब एक साल बाद लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. पिछले साल जुलाई में सत्ता में आने के बाद से खान को भुगतान संतुलन और खस्ताहाल आर्थिक स्थितियों से जूझना पड़ रहा है. वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में चीजों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं. डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 30 प्रतिशत तक टूट गया है और मुद्रास्फीति की दर करीब 9 प्रतिशत पर है. इसके अभी और बढ़ने की आशंका है.
कराची की रहने वाली 30 शमा परवीन ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं. वहीं , 60 वर्षीय मोहम्मद अशरफ ने कहा , " मुझे अपनी खर्चों को पूरा करने के लिए रोजाना कम से कम 1,000 रुपये कमाने की जरूरत है. इन दिनों मैं मुश्किल से पांच-छह सौ रुपये बचा पा रहा हूं ... मैं कभी - कभी सोचता हूं कि अगर मैं बीमार पड़ गया तो कैसे दवा और इलाज का खर्चा उठा पाऊंगा ? मुझे लगता है कि मुझे मरना होगा."
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विश्लेषकों ने चेताया कि पाकिस्तान की तेजी से बढ़ती जनसंख्या आर्थिक वृद्धि से कही आगे हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से 6 अरब डॉलर के कर्ज को मंजूरी मिलने के बावजूद देश को समस्याओं से फौरी तौर पर कोई राहत नहीं मिलेगी. इस महीने की शुरुआत में कारोबारियों ने एक दिन की हड़ताल की है और शुक्रवार को करीब 8,000 लोगों ने बढ़ती कीमतों के खिलाफ मार्च किया. 32 वर्षीय स्नातक ने एएफपी को बताया , " यह सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हुई है ... यह देश को दिन पर दिन गरीब बना रही है."
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HIGHLIGHTS
- पाकिस्तान में बढ़ रही महंगाई
- जनता में इमरान सरकार से नाराजगी
- बढ़ती जनसंख्या आर्थिक वृद्धि से कहीं आगे