प्रतिबंध लगाए जाने या फिर सहयोगी के स्टेटस को कम किये जाने की स्थिति में पाकिस्तान अमेरिका के खिलाफ कड़ी कूटनीतिक नीति अपनाने का फैसला किया है।
इस संबंध में पाकिस्तान तीन विकल्पों वाली सख्त डिप्लोमैटिक कदम उठाने की तैयारी पूरी कर ली है।
पाकिस्तान के अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि इस नीति के तहत अमेरिका के साथ कूटनीतिक संबंधों को सीमित करने, आतंकवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में उसके साथ सहयोग को कम करने और अफगानिस्तान में अमेरिकी रणनीति में बिलकुल भी सहयोग न करने जैसे कदम शामिल हैं।
खबर के अनुसार आखिरी विकल्प में पाकिस्तान के रास्ते से अफगानिस्तान में नेटो को होने वाली आपूर्ति पर रोक लगाना भी शामिल हो सकता है।
ट्रंप सरकार की पाकिस्तान नीति की घोषणा के बाद की इसे लागू करने की तैयारी है। साथ ही नेशनल सेक्योरिटी कमेटी से इस संबंध में मंजूरी लेने का बाद ही इसे लागू किया जाएगा।
और पढ़ें: हाफिज की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग 2018 के चुनाव में लेगा हिस्सा
अमेरिका की अफगान नीति की घोषणा के एक दिन बाद ही अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा था कि यदि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है तो अमेरिका उसके प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के दर्जे को घटा सकता है।
इस बीच पाकिस्तान अमेरिका से तनाव को कम करने के बारे चर्चा कर सकते हैं।
और पढ़ें: अमेरिका ने कोरियाई इलाके में भेजा बम वर्षक विमान, टेंशन बढ़ना तय
Source : News Nation Bureau