तालिबान शासन का सामने आ रहा प्रभाव, अफगानों की क्रय शक्ति हुई कम
तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका ने युद्धग्रस्त देश की संपत्ति को फ्रीज कर दिया था, जिससे यहां बुनियादी वस्तुओं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई और क्रय शक्ति में गिरावट आई.
highlights
- वस्तुओं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई
- अफगानियों की क्रय शक्ति में गिरावट
- मासिक वेतन का भुगतान करने में असमर्थ
काबुल:
अफगानिस्तान पर अगस्त में तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका ने युद्धग्रस्त देश की संपत्ति को फ्रीज कर दिया था, जिससे यहां बुनियादी वस्तुओं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई और क्रय शक्ति में गिरावट आई. काबुल निवासी नूरजादा ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया अमेरिका में अफगानिस्तान की संपत्ति को फ्रीज करने से स्थानीय बाजार में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. पहले एक बोरी आटे (50 किलो) की कीमत 1,200 अफगानी (13 डॉलर) थी, जो बढ़कर 2,300 अफगानी हो गई है. नूरजादा ने अमेरिका पर अफगानिस्तान में आर्थिक संकट को बढ़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि काबुल में तालिबान सरकार के प्रति वाशिंगटन की उदासीनता ने आम अफगानों को उनकी दैनिक आय से लगभग वंचित कर दिया है.
युद्धग्रस्त देश में अलकायदा और इस्लामिक स्टेट जैसे आतंकवादी समूहों की मौजूदगी के आरोप में वाशिंगटन ने अफगान केंद्रीय बैंक की लगभग 9.5 अरब डॉलर की संपत्ति को फ्रीज कर दिया है. तालिबान की अंतरिम सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने अमेरिका के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल अमेरिका समेत किसी भी देश के खिलाफ नहीं किया जाएगा. नूरजादा की चिंताओं को प्रतिध्वनित करते हुए काबुल निवासी नजीर ने भी आसमान छूती कीमतों के लिए अमेरिका को दोषी ठहराया. साथ ही कहा कि वाशिंगटन की दोयम दर्जे की नीति ने पहले से ही गरीब देश में आर्थिक अराजकता और बढ़ती गरीबी को जन्म दिया है.
नजीर ने सिन्हुआ को बताया, 'हमारे पास कोई अर्थव्यवस्था नहीं है, कोई काम नहीं है और कोई नियमित आय नहीं है. पिछले महीनों में, मैंने हर दिन 1,500 अफगानी अर्जित की, लेकिन आजकल मैं मुश्किल से 400 अफगानी कमा पाता हूं.' राजधानी काबुल सहित संघर्षग्रस्त अफगानिस्तान में हर जगह आर्थिक कठिनाई स्पष्ट नजर आ रही है, क्योंकि राजधानी शहर के कई निवासी जीवित रहने के लिए अपने घरेलू उपकरण बेच रहे हैं. अफगानों के अनुसार अमरीका द्वारा अफगानिस्तान की संपत्ति पर रोक लगाने से नया प्रशासन सरकारी कर्मचारियों के मासिक वेतन का भुगतान करने में असमर्थ हो गया है और आय की कमी ने लगभग सभी अफगानों को निराश कर दिया है.
वीडियो
IPL 2024
-
PBKS vs MI Dream11 Team : पंजाब और मुंबई के मैच में ये हो सकती है ड्रीम11 टीम, इन्हें चुनें कप्तान
-
PBKS vs MI Head to Head : पंजाब और मुबंई में होती है कांटे की टक्कर, हेड टू हेड आंकड़ों में देख लिजिए
-
PBKS vs MI Pitch Repot : बल्लेबाज मचाएंगे धमाल या और गेंदबाज मारेंगे बाजी? जानें कैसी होगी मोहाली की पिच
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति
-
भारत के इस मंदिर में नहीं मिलती पुरुषों को एंट्री, यहां होते हैं कई तांत्रिक अनुष्ठान
-
Mars Transit in Pisces: 23 अप्रैल 2024 को होगा मीन राशि में मंगल का गोचर, जानें देश और दुनिया पर इसका प्रभाव
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय