logo-image
लोकसभा चुनाव

कोरोना: स्पेन में संक्रमित लोगों को फाइव स्टार में किया जाएगा आइसोलेट

बार्सिलोना के एक होटल में सफेद सुरक्षा सूट पहने एक एम्बुलेंस का चालक प्रवेश करता है और तीन नए 'ग्राहकों' को लाने की घोषणा करता है.

Updated on: 04 Apr 2020, 12:36 PM

बार्सिलोना:

बार्सिलोना के एक होटल में सफेद सुरक्षा सूट पहने एक एम्बुलेंस का चालक प्रवेश करता है और तीन नए 'ग्राहकों' को लाने की घोषणा करता है. लॉकडाउन के बावजूद होटल में नए ‘ग्राहकों’ की बात सुनकर वहां के कर्मचारियों को हैरानी नहीं हुई क्योंकि ये नए ग्राहक कोरोना वायरस के वो मरीज हैं जिन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पृथक वास का समय इस शानदार पांच सितारा होटल में बिताने के लिये लाया गया है.

यह भी पढ़ेंः CM योगी का निर्देश- लॉकडाउन खत्म हुआ तो भी बिना मास्क के नहीं निकल पाएंगे बाहर

एम्बुलेंस में झांकते हुए पांच सितारा होटल मेलिया सारिया की प्रबंधक कहती हैं, '' सुप्रभात, आप कैसे हैं? मेरा नाम एनरिक अरांडा है. पिछले कुछ दिनों में शायद आप पहले ऐसे शख्स को देख रहे हैं जोकि स्वास्थ्यकर्मी नहीं है.'' दरअसल केवल तीन दिनों में इस होटल को एक क्लीनिक में बदल दिया गया, जिसमें शानदार सजावट के साथ ही संगमरमर लगे बाथरूम हैं. मास्क और दस्ताने पहने हुई अरांडा ने कहा, '' यहां पहुंचने वाले कुछ मरीजों को लगता है कि उन्हें अस्पताल से निकालकर मरने के लिए छोड़ दिया जाएगा. अधिकतर लोग डरे हुए हैं. मैं उन्हें यह सब भूलने में मदद करने का प्रयास करती हूं.''

यह भी पढ़ेंः गंगाराम अस्पताल में 108 डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ को क्वारंटाइन किया गया

उन्होंने कहा, '' जब तक मैं उनके चेहरे पर मुस्कान नहीं ले आती, तब तक एम्बुलेंस से उतरने नहीं देती. मैं चाहती हूं कि वे एक बिल्कुल अलग तरह से प्रवेश करें कि अब वे एक अस्पताल में नहीं हैं और यह एक होटल है.'' होटल पहुंचने के बाद नीले और हरे रंग के गाउन, दस्ताने और मास्क पहने नर्स उनका तापमान दर्ज करती हैं और उनकी मेडिकल रिपोर्ट को सरसरी तौर पर देखती हैं. साथ ही आने वाले लोगों से पूछती हैं कि क्या वे अपने परिवार के किसी सदस्य से बात करना चाहते हैं. इसके बाद होटल कर्मचारी उन्हें कमरे में पहुंचाते हैं. स्पेन में कोरोना वायरस महामारी ने अब तक 10,935 लोगों की जान ले ली है. ऐसे में सरकार ने सभी होटलों को बंद करने के आदेश दिए थे. देश भर के होटलों को चिकित्सीय सेवा केंद्रों में तब्दील कर दिया गया है ताकि अस्पताल के बोझ को कुछ कम किया जा सके.