Heat wave in Britain ( Photo Credit : File)
पूरे ब्रिटेन (Britain) में गर्मियों (heat wave) से लोगों का हाल बेहाल हो गया है. यहां तक कि भीषण गर्मी की वजह से यहां के उपकरण भी पूरी तरह प्रभावित हो रहा है. ब्रिटेन में बुधवार को ट्रेन सेवाओं (Train service) को बड़े व्यवधान का सामना करना पड़ा क्योंकि अत्यधिक तापमान (Temperature) के कारण जंगल की आग ने सिग्नल संबंधित उपकरण को पिघला दिया और पटरियों को नुकसान पहुंचाया. नेटवर्क रेल और अन्य ऑपरेटरों द्वारा ऑनलाइन पोस्ट की गई तस्वीरों में किंग्स क्रॉस और पीटरबरो के बीच क्षतिग्रस्त एक लेवल क्रॉसिंग को स्पष्ट देखा जा सकता है.
पूरे देश के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिसमें दिखाया गया है कि रिकॉर्ड तापमान से क्या नुकसान हुआ है. इनमें से एक वीडियो में पूर्वी लंदन के बाहर एक गांव में भीषण आग से क्षतिग्रस्त हुए घरों को दिखाया गया है, जबकि दूसरे में एक राजमार्ग के किनारे जंगल जलते हुए दिखाया गया है.
रिकॉर्डतोड़ तापमान की वजह से एक थिएटर में आग लगने का अलार्म गर्मी के कारण बंद कर दिया गया. ग्लोब थिएटर के एक वीडियो में स्टाफ के सदस्यों को इससे बचाव के लिए हाथ-पांव मारते हुए दिखाया गया है. स्प्रिंकलर सिस्टम से इमारत में पानी का छिड़काव करते देखा जा सकता है. लंदन के अग्निशमन प्राधिकरण ने मंगलवार को ब्रिटिश राजधानी में एक बड़ी घटना की घोषणा की. लंदन फायर ब्रिगेड ने कहा कि उसने शहर में और उसके आसपास कई आग बुझाने के लिए दर्जनों दमकल गाड़ियों को तैनात किया. टेलीविजन फुटेज में एक आग ने कई घरों को अपनी चपेट में लेते हुए दिखाया गया है.
इस बीच, बुधवार की सुबह लंदन के किंग्स क्रॉस पर सूटकेस और बेंच पर सोते देखे गए यात्रियों के लिए देश भर में ट्रेन रद्द होने से एक दु:खद स्थिति पैदा हो गई. ट्रेन चलाने वाले अधिकारियों ने यात्रियों को स्टेशन पर नहीं आने की चेतावनी जारी की है. लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने की भी सलाह दी गई है.
पूरे यूरोप में गर्मी से तबाही
पिछले महीने पूरा फ्रांस भीषण गर्मी की लहर से झुलस गया था, जिसने स्पेन, इटली और अन्य देशों को भी प्रभावित किया था. फिर, इस महीने पोलैंड और पूर्वी यूरोप के अन्य हिस्सों में भीषण गर्मी का प्रकोप हुआ. अब पूरे यूरोप में तापमान फिर से स्पेन से ब्रिटिश द्वीपों तक बढ़ रहा है और पूर्व में फैल रहा है. कई देशों में गर्मी से झुलसी जंगल की आग जल रही है और अधिकांश महाद्वीप लंबे समय तक सूखे की चपेट में है. एक दिन पहले भी यानी 19 जुलाई को लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर पहली बार 40 डिग्री सेल्सियस को पार करते हुए अपना उच्चतम तापमान दर्ज किया जबकि गर्मी के अभी दो महीने बाकी हैं.
क्या चल रहा है?
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस साल पहले से लगातार जारी भीषण गर्मी का रुझान के अनुरूप है. यूरोप में भीषम गर्मी के अलावा पश्चिमी संयुक्त राज्य सहित अन्य हिस्से भीषण गर्मी की चपेट में है.
और ऐसा क्यों हो रहा है?
भीषण गर्मी के पीछे ग्लोबल वार्मिंग एक बड़ी वजह है. कार्बन डाइऑक्साइड और गैसों के उत्सर्जन के व्यापक होने से पहले तापमान औसतन 1.1 डिग्री सेल्सियस अधिक था, जो 19 वीं शताब्दी के अंत में था. गैसों के उत्सरज्न की वजह से तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसके अलावा, अन्य कारक भी हैं जिनमें से कुछ में वायुमंडल और महासागर का संचलन शामिल है जो यूरोप को भीषण का हॉटस्पॉट बना दिया है.
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