खाड़ी देशों में भारत की बढ़ती साख को देखते हुए अपनी नीतियों में बदलाव करते हुए पाकिस्तान ने फैसला किया है कि वो सऊदी अरब में द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग के तहत सैनिक तैनात करेगा।
रावलपिंडी में मौजूद सेना मुख्यालय में पाकिस्तान में सऊदी के राजदूत नवाफ सईद अल-मलिकी और पाक सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच गुरुवार को हुई बैठक के बाद इसका ऐलान किया गया।
सेना का कहना है, 'पाकिस्तान-सऊदी द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को जारी रखते हुए पाकिस्तान की सेना का एक दल ट्रेनिंग और सुझाव देने के लिये सऊदी अरब भेजा जा रहा है। इन सैनिकों और वहां पहले से मौजूद सैनिकों को सऊदी अरब से बाहर तैनात नहीं किया जाएगा।'
पाक सेना ने कहा, 'पाक सेना खाड़ी देशों के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग को बनाए रखे हुए है।'
सेना ने बताया कि पाकिस्तान कई अन्य खाड़ी और क्षेत्रीय देशों के साथ द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग बनाए हुए है। सेना का तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि बाजवा और राजदूत के बीच बैठक में आपसी हितों के मुद्दों के साथ ही क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति पर भी चर्चा की गई।
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अधिकारियों के अनुसार, सऊदी अरब में अलग-अलग भूमिका में करीब 1000 पाकिस्तानी सैनिक तैनात हैं।
डॉन अखबार ने सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर का हवाला देते हुए कहा कि नई तैनाती के तहत की जा रही सैनिकों की तैनाती में उनकी संख्या का खुलासा नहीं किया है। जो संभवतः एक ब्रिगेड जितनी हो सकती है।
यमन की लड़ाई में कूदने के बाद से ही सऊदी अरब 2015 से पाकिस्तान पर सैनिक भेजने का दबाव लगातार बना रहा है। हालांकि पाकिस्तान इस मांग को किसी तरह टालता रहा है।
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Source : News Nation Bureau