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इज्जत बचाने में सफल रहे इमरान खान, 178 वोट से हासिल किया विश्वास मत

नेशनल असेंबली (National Assembly) में इमरान खान की सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया. इमरान के पक्ष में 178 वोट पड़े, जबकि उन्हें 171 सांसदों का समर्थन चाहिए था.

Updated on: 06 Mar 2021, 03:30 PM

highlights

  • विश्वास मत हासिल करने से पहले जारी किया इमरान ने व्हिप
  • हालांकि असेंबली में 178 वोट हासिल कर जीता विश्वास मत
  • फिर भी इमरान खान की चुनौतियां नहीं हुई हैं कम

इस्लामाबाद:

अंततः इमरान खान (Imran Khan) अपना सम्मान बचाने में सफल रहे. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली (National Assembly) में इमरान खान की सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया. इमरान के पक्ष में 178 वोट पड़े, जबकि उन्हें 171 सांसदों का समर्थन चाहिए था. सदन में कुल 342 सदस्यों में अभी 340 सदस्य हैं और दो सीटें खाली हैं. खान की पीटीआई के पास 157 सांसद हैं, जबकि विपक्षी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के 83 सदस्य हैं और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के 55 सांसद हैं. विपक्षी गठबंधन ने इस विश्वास मत का विरोध किया था. लिहाजा नेशनल असेंबली के सत्र में विपक्ष का कोई भी सदस्य शामिल नहीं हुआ.

इमरान खान दूसरे पीएम हैं विश्वास मत हासिल करने वाले 
गौरतलब है कि पाकिस्तान में सीनेट चुनाव में वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख की हार की वजह से इमरान खान की सरकार को नेशनल असेंबली में विश्वास मत प्रस्ताव पेश करना पड़ा. इमरान खान पाकिस्तान के इतिहास में ऐसे दूसरे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने खुद विश्वास मत का ऐलान किया था. इससे पहले 1993 में नवाज़ शरीफ ने विश्वास मत को लेकर खुद पहल की थी. बता दें कि इमरान खान पर भष्ट्राचार के आरोप लगे थे. वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख की सीनेट चुनाव में हार के बाद इमरान ने विश्वास मत का ऐलान किया था.

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हफीज शेख की हार के बाद विश्वास मत लेने का ऐलान
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार शेख को हराकर प्रधानमंत्री खान को एक बड़ा झटका दिया था. बता दें कि पीडीएम, खान की सरकार को गिराने के लिए पिछले साल सितंबर में गठित 11-दलीय गठबंधन है. इसके पहले शुक्रवार को ही पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि शनिवार को होने वाले नेशनल असेंबली के सत्र में विपक्ष का कोई भी सदस्य शामिल नहीं होगा, जिसमें प्रधानमंत्री खान विश्वास मत हासिल करेंगे. पीडीएम दस पार्टियों का विपक्षी गठबंधन है.

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विश्वास मत जीतने की जताई थी उम्मीद
क्रिकेटर से नेता बने 68 वर्षीय खान ने शुक्रवार को कहा था कि वो विश्वास मत हासिल कर लेंगे. उन्होंने कहा था, 'मैं अपने सदस्यों से यह दिखाने के लिए कहूंगा उनका मुझ पर विश्वास है. अगर वे कहते हैं कि उन्हें कोई भरोसा नहीं है, तो मैं विपक्षी बेंच पर बैठूंगा.'  विश्वास मत पर मतदान से पहले इमरान खान ने पार्टी के सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि पार्टी सदस्य पार्टी लाइन का अनुपालन करें या फिर कार्रवाई का सामना करने को तैयार रहें. ऐसे आरोप लगे थे कि सीनेट चुनावों में इमरान की पार्टी के नेताओं ने पार्टीलाइन से अलग जाकर वोट दिए थे.