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इमरान खान विश्वास मत से पहले अकेले पड़े, सेना-ISI समेत विपक्ष का घेरा कसा

पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने प्रधानमंत्री इमरान खान के आवास पर उनसे मुलाकात की है. सरकार और सेना में अनबन के बीच इमरान खान की ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है.

Updated on: 05 Mar 2021, 11:45 AM

highlights

  • शनिवार को साबित करना है बहुमत इमरान खान को
  • इसके पहले सीनेट चुनाव में इमरान के मंत्री को मिली हार
  • पाकिस्तान सेना और खुफिया प्रमुख के साथ गुरुवार को की बैठक

इस्लामाबाद:

नए पाकिस्तान (Pakistan) में इमरान खान (Imran Khan) नितांत अकेले पड़ गए हैं. शनिवार को उन्हें बहुमत साबित करना है और इससे पहले ही वह सीनेट में अपने वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख की शिकस्त को रोक नहीं पाए. इसके बाद उन्होंने विपक्ष पर पैसे बांटने का आरोप लगा जमकर सियापा मचाया. इस बदलते घटनाक्रम के बीच शाम को पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने प्रधानमंत्री इमरान खान के आवास पर उनसे मुलाकात की है. सरकार और सेना में अनबन के बीच इमरान खान की ये मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है. खास बात यह है कि इस मुलाकात के दौरान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद भी प्रधानमंत्री आवास पर मौजूद थे.

विपक्ष पर हमलावर
बैठक के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार शाम आवाम को संबोधित करते हुए कहा कि छह साल पहले जब पख्तूनख्वाह में हमारी सरकारी थी तभी हमें पता चला कि सीनेट चुनाव में पैसा चलता है. ये पिछले 30-40 सालों से चला आ रहा है, जो सीनेटर बनता है वो सांसदों को खरीदने के लिए पैसे का इस्तेमाल करता है. तब से मैंने इसके खिलाफ कैंपेन चलाया.  इमरान खान ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं विश्वास मत का प्रस्ताव लाने जा रहा हूं. फिर मुझे विपक्ष में बैठना पड़े या सदन से बाहर होना पड़े, कोई फर्क नहीं पड़ता है. मैं विपक्षी नेताओं को छोड़ने वाला नहीं हूं, जब तक वो देश का पैसा वापस नहीं दे देते हैं.  

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मंत्री को मिली सीनेट में हार
इमरान खान सरकार के वित्त मंत्री हफीज शेख को सीनेट चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. इसके बाद से विपक्ष इमरान खान के इस्तीफे की मांग कर रहा है. वर्तमान सीनेट अध्यक्ष साजिद संजरानी फिर से सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में संसद के ऊपरी सदन की अध्यक्षता के लिए नामित किए गए हैं. इमरान खान ने उन्हें नामित किया है. वे विपक्षी गठबंधन के घोषित उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. पाकिस्तान में ऊपरी सदन सीनेट की 37 सीटों के लिए हुए चुनाव नतीजों में सत्ताधारी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) दूसरे नंबर पर रही है. 

हफीज शेख को मिली करारी शिकस्त
सीनेट चुनाव में पाकिस्तान की सबसे हॉट सीट इस्लामाबाद से पीटीआई के उम्मीदवार रहे प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉक्टर अब्दुल हफीज शेख को शिकस्त खानी पड़ी है. इमरान के कैबिनेट मंत्री डॉक्टर शेख को पीपीपी के टिकट पर चुनाव लड़े पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने हरा दिया. गिलानी ने शेख को पांच वोट के करीबी अंतर से मात दी. गिलानी को 169 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंदी अब्दुल हफीज शेख को 164 वोट मिले. सात मत निर्वाचन अधिकारियों ने अवैध घोषित कर दिया. इस्लामाबाद में सीनेटर चुनने के लिए हुए मतदान में कुल 340 वोट पड़े थे. इस्लामाबाद सीट पर डॉक्टर शेख की हार को प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है. 

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हफीज शेख को हरवाकर दबाव बना रहा विपक्ष
इमरान ने एक वीडियो का हवाला देकर दावा किया कि उनकी पार्टी के नेताओं को खुलकर 2-2 करोड़ की लालच दी गई. इमरान ने सीनेट चुनाव में सीक्रेट वोटिंग के पक्ष में चुनाव आयोग के सुप्रीम कोर्ट में सहमति देने पर भी हमला बोला. इमरान खान ने सीधे-सीधे कहा कि उनके उम्मीदवार को बिके हुए हुक्मरानों ने हराया है. उन्होंने कहा कि हफीज शेख को हराकर विपक्ष हमपर दबाव बना रहा कि हम भ्रष्टाचारियों को एनआरओ देकर समझौता कर लें.

सरकार चली जाए तो कोई गम नहीं
इमरान खान ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि मेरे ऊपर सभी विरोधी पार्टियां अविश्वासमत की तलवार लटकाएंगी. मैं शनिवार को विश्वास मत हासिल करूंगा. यह आपका जम्हूरी अधिकार है. अगर आप विरोध करते हैं तो मैं विपक्ष में बैठ जाउंगा, मैं पैसा नहीं बाटूंगा। खुदा से खौफ होना चाहिए. मैं कॉन्फिडेंस वोट लूंगा अपनी असेंबली से. पीडीएम के जितने बड़े बड़े नेता हैं उनको एक पैगाम है कि मेरी पावर चली जाती है तो मुझे क्या फर्क पड़ेगा, न मैनें फैक्ट्रियां बनाई न ही रिश्तेदारों को नौकरी दी है. इमरान ने कहा कि मैं राजनीति में पैसा कमाने के लिए नहीं आया. मेरे पास पहले से ही इतना पैसा और शोहरत था कि मैं अपनी पूरी जिंदगी अमन चैन से रह सकता था, लेकिन मैंने देश के लिए राजनीति में आने का फैसला लिया. मैं किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचारियों के साथ समझौता नहीं करूंगा.