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मौलाना फजलुर रहमान बोले- इमरान खान को पद छोड़कर ये करना चाहिए

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान (Fazal ur Rehman) ने कहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (PM Narendra Modi) को इस्तीफा देने के बाद ये काम करना चाहिए.

Updated on: 08 Nov 2019, 06:14 PM

नई दिल्ली:

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने कहा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्तीफा दे देना चाहिए और घर चले जाना चाहिए, क्योंकि सरकार विरोधी 'आजादी मार्च' के मुद्दे पर अब किसी वार्ता की जरूरत नहीं है. द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, उन्होंने गुरुवार को यह स्पष्ट कर दिया कि अब किसी भी वार्ता की कोई आवश्यकता नहीं है और कहा कि सरकारी टीम को बिना किसी सार्थक बातचीत के जाना और आना बंद करना चाहिए.

मौलाना फजलुर रहमान ने धरने में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "जब आप वार्ता के लिए आते हैं तो आपको प्रधानमंत्री का इस्तीफा लेकर आना चाहिए." हालांकि, उन्होंने आईएसपीआर के डीजी मेजर जनरल आसिफ गफूर के बयान का स्वागत किया कि सशस्त्र बलों की भूमिका आम चुनाव और राजनीतिक मामलों में हमेशा तटस्थ रही है.

उन्होंने कहा, "डीजी आईएसपीआर का कहना है कि सशस्त्र बल तटस्थ हैं और हम उनके बयान का स्वागत करते हैं." रहमान विशाल 'आजादी मार्च' का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसने गुरुवार को आठवें दिन में प्रवेश किया. प्रदर्शनकारी 2018 के आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए खान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

बता दें कि पाकिस्तान के तेज-तर्रार धर्म गुरु एवं नेता मौलाना फजलुर रहमान ने प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे के लिए अपने द्वारा तय की गई समयसीमा खत्म होने के बाद भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए सोमवार को एक सर्वदलीय बैठक आहूत की थी. देश की राजधानी में हजारों समर्थकों की मौजूदगी वाले ‘आजादी मार्च’ का नेतृत्व कर रहे जमीयत उलेमा ए इस्लाम फ़ज्ल (जेयूआई-एफ) के नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री को अपदस्थ करने का आंदोलन ‘‘आगे बढ़ता रहेगा, इसे वापस नहीं लिया जाएगा.’’

रहमान ने कहा था कि जब तक खान इस्तीफा नहीं देते, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा. एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी कि जेयूआई-एफ ने भविष्य की कार्रवाई को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं के साथ चर्चा करने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. रहमान के इस व्यापक विरोध प्रदर्शन को पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), पख्तूनख्वा मिल्ली आवामी पार्टी, कौमी वतन पार्टी, नेशनल पार्टी और आवामी नेशनल पार्टी का समर्थन प्राप्त है.

हालांकि डॉन अखबार ने खबर दी कि पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी और पीएमएल-एन प्रमुख शहबाज शरीफ के सर्वदलीय बैठक में शामिल होने की संभावना नहीं है. खबर में संबंधित पार्टी नेताओें के हवाले से कहा गया, ‘‘ज्यादा संभावना है कि पार्टियों के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी और शहबाज इतने कम समय के नोटिस पर इस्लामाबाद में बैठक में शामिल न हो पाएं.’’ प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रदर्शनकारियों की इस्तीफे की मांग को खारिज कर दिया और कहा कि प्रदर्शन भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद पीएमएल-एन और पीपीपी के नेताओं को रिहा कराने के लिए समझौते का प्रयास है.