'आजादी मार्च' की धमकी से डर गए इमरान खान, कहा- मौलाना से बातचीत का रास्ता जल्द खोजो

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) आजादी मार्च से डर गए हैं. उन्होंने अपने अधिकारियों से मौलाना से बातचीत का रास्ता खोजने के लिए कहा है.

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Deepak Pandey
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'आजादी मार्च' की धमकी से डर गए इमरान खान, कहा- मौलाना से बातचीत का रास्ता जल्द खोजो

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान( Photo Credit : (फाइल फोटो))

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने अपने राजनीतिक सहयोगियों से जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के साथ बातचीत का रास्ता खोलने को कहा है. रहमान ने संघीय राजधानी में सरकार के खिलाफ 31 अक्टूबर को बैठक बुलाई है. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में सरकार के प्रवक्ताओं के साथ बैठक के दौरान यह निर्देश दिए.

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शुक्रवार को हुई बैठक में शामिल प्रधानमंत्री के एक प्रवक्ता ने कहा कि फैसला लिया गया है कि सरकार को उनकी पार्टी की मांगों का पता लगाने के लिए जेयूआई-एफ प्रमुख से पहुंच स्थापित करनी चाहिए और इस मुद्दे पर गतिरोध नहीं बढ़ाना चाहिए. प्रवक्ता ने कहा, "बैठक में यह भी निर्णय लिया गया है कि मौलाना रहमान द्वारा 27 अक्टूबर को सिंध से आजादी मार्च के रूप में किए जाने वाले आंदोलन को रोका नहीं जाएगा. यह आंदोलन 31 अक्टूबर को इस्लामाबाद पहुंचेगा, लेकिन अगर प्रदर्शनकारी बेकाबू हो गए तो उनसे सख्ती से निपटा जाएगा. प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया स्पष्ट है कि किसी भी गतिरोध से बचने के लिए मौलाना से संपर्क स्थापित करने में कोई बुराई नहीं है."

प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री का विचार है कि जेयूआई-एफ प्रमुख दो मुख्य विपक्षी दलों पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की कतार में हैं. बैठक में कहा गया कि पीपीपी और पीएमएल-एन दोनों, जो क्रमश: दो और तीन बार सत्ता में रहे, अब एक मंच पर पहुंच गए हैं और वह देश में छोटे दलों की मदद लेने के लिए मजबूर हैं.

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इस बीच धार्मिक मामलों के संघीय मंत्री नूरुल हक कादरी ने स्पष्ट किया कि उन्हें मौलाना फजलुर रहमान के साथ बातचीत करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी है. एक बयान में मंत्री ने कहा कि मीडिया में चल रही उन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है कि प्रधानमंत्री ने उन्हें इस मामले को देखने के लिए एक समिति बनाने का काम सौंपा है.

मीडिया में आई खबरों ने यह भी संकेत दिया कि मौलाना रहमान को संघीय राजधानी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उन्हें पंजाब या खैबर पख्तूनख्वा में गिरफ्तार किया जा सकता है. माना जा है कि सिंध सरकार, जहां पीपीपी सत्ता में है, जेयूआई-एफ प्रमुख को आजादी मार्च शुरू करने की सुविधा देगी.

Source : आईएएनएस

Maulana Fazal-Ur-Rehman pakistan pm Azadi March imran-khan
      
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