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इमरान खान का बड़ा बयान, पाकिस्तान में सियासी संकट के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ

पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में कुल 339 सीटें हैं. जबकि बहुमत के लिए 170 सीटों का आंकड़ा जरूरी है.

Updated on: 30 Mar 2022, 04:21 PM

highlights

  • पाकिस्तान की करीब चार वर्ष पुरानी इमरान खान सरकार की विदाई लगभग तय
  •  सरकार बदलने की कोशिश विदेशी पैसों की मदद से हो रही है: इमरान खान

नई दिल्ली:

पाकिस्तान में सियासी संकट गहराता जा रहा है. इस बीच पाक पीएम इमरान खान का बड़ा बयान सामने आया है. इसमें वे कह रहे है कि उनके पास एक धमकी भरा पत्र है, जिसे वे पत्रकारों के साथ विपक्षी पार्टी को भी दिखाना चाहते हैं. एक सभा के दौरान इमरान खान ने कहा ​कि वह इस सबूत को दुनिया के सामने लाना चाहते हैं. गौरतलब है कि इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी चल रही है. पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में कुल 339 सीटें हैं. जबकि बहुमत के लिए 170 सीटों का आंकड़ा जरूरी है. पीपीपी के 56 सांसद इमरान सरकार के खिलाफ हैं. वहीं पीएमएलइन के 84 सांसद भी विरोध में हैं. वहीं एमक्यूएम के सात सांसद भी इमरान का पाला छोड़ चुके हैं. 

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गौरतलब पाकिस्तान की करीब चार वर्ष पुरानी इमरान खान सरकार की विदाई लगभग तय मानी जा रही है. सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के मुखिया इमरान खान को बड़ा झटका लगा है. अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले ही पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम पी) ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. एमक्यूएम ने विपक्षी पाकिस्तान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के साथ जाने का फैसला लिया है. एमक्यूएम के पीटीआई से समर्थन वापस लेने के बाद पीएम इमरान खान की सरकार का जाना लगभग तय माना जा रहा है. साथ ही इमरान खान सरकार ने पाकिस्तान संसद के निचले सदन में अपना बहुमत खो दिया है. 

विदेशी फंड की सहायता से सरकार गिराने की कोशिश: इमरान

इमरान खान का आरोप है कि कुछ लोग विदेशी फंड की सहायता से उनकी सरकार को गिराने की कोशिश में लगे हुए हैं. इमरान खान ने एक रैली के दौरान कहा कि पाकिस्तान में सरकार बदलने की कोशिश विदेशी पैसों की मदद से हो रही है. हमारे लोगों का उपयोग किया जा रहा है. कुछ लोग हमारे खिलाफ विदेशी पैसों का उपयोग कर रहे हैं. उन्हें पता है कि किन जगहों से उन पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है. उन्हें लिखित में धमकी दी गई है, लेकिन वे राष्ट्रहित से समझौता नहीं करेंगे.