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पीएम नरेंद्र मोदी की न्यूयॉर्क यात्रा में रुकावट डालेगा पाकिस्तान, इमरान खान का है यह प्लान

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से बौखलाए इमरान खान ने अब अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान विरोध-प्रदर्शन करने को कहा है.

Updated on: 22 Aug 2019, 03:16 PM

highlights

  • जम्मू-कश्मीर मसले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के लिए इमरान खान का प्लान.
  • प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी की न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान विरोध-प्रदर्शन कराने की योजना.
  • जम्मू-कश्मीर को आंतरिक मसला बताने के बावजूद नहीं सुधर रहा पाकिस्तान.

इस्लामाबाद.:

अमेरिकी अखबार 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' में भारत को जम्मू-कश्मीर मसले पर युद्ध की धमकी देने वाले पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान अब हद दर्जे की नीचता पर उतर आए हैं. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से बौखलाए इमरान खान ने अब अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान विरोध-प्रदर्शन करने को कहा है. इमरान खान ने पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने विदेशी समर्थकों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर का मुद्दा उठाने में मदद मांगी है.

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इमरान खान ने बनाया प्लान
इमरान खान ने बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला किया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी न्यूयॉर्क में बड़े पैमाने पर भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी. इसका मकसद सिर्फ यही है कि जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 को निरस्त करने के फैसले को वैश्विक प्रतिक्रिया मिल सके. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इमरान खान की पार्टी पीटीआई के केंद्रीय मीडिया विभाग ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के एक सत्र में भाग लेने न्यूयॉर्क जा रहे मोदी की यात्रा के दौरान स्थानीय स्तर पर तीखा विरोध प्रदर्शन होगा. इमरान खान ने न्यूयॉर्क में विरोध प्रदर्शन की तैयारी के लिए अपनी पार्टी की विदेशी इकाइयों को निर्देश जारी किए हैं.

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'हकीकत स्वीकार करे पाकिस्तान'
गौरतलब है कि जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 के प्रावधानों को समाप्त करने और उसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटने के मोदी सरकार के फैसले से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत ने अंतरराष्ट्रीय जगत को स्पष्ट कर दिया है कि यह उसका आंतरिक मसला है. इसके साथ ही पाकिस्तान को हकीकत स्वीकार करने की नसीहत दी है. हलांकि पाकिस्तान को इस मसले पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ कुछ ही देशों का समर्थन मिला है और यही वजह है कि उसकी बौखलाहट और खिसियाहट बढ़ती जा रही है.