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पाकिस्तान के PM इमरान खान ने अपनाया अड़ियल रुख, बोले- अगर विपक्ष इस्तीफे पर अड़ा है तो फिर...

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने कहा है कि अगर विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग पर ही अड़ गया है तो फिर इस पर ये एक्शन लिया जाएगा.

Updated on: 08 Nov 2019, 06:41 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि अगर विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग पर ही अड़ गया है तो फिर उससे कोई बातचीत संभव नहीं है. पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी गई है. पाकिस्तान के विपक्षी दल जमीयत उलेमाए इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के हजारों कार्यकर्ता अपने नेता मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में इस्लामाबाद में एक हफ्ते से धरने पर बैठे हुए हैं. सरकार की तरफ से विपक्षी दल से बातचीत के लिए गठित समिति ने मसले के समाधान के लिए मौलाना फजल व अन्य नेताओं से कई दौर की बातचीत की है. लेकिन नतीजा नहीं निकला है.

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रहमान ने साफ कर दिया है कि इमरान को इस्तीफा देना होगा. रिपोर्ट में बताया गया है कि उन्होंने तो यहां तक कहा है कि वह सरकारी समिति से बातचीत कर अपना टाइमपास कर रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि वार्ताकारों की समिति के सदस्यों ने प्रधानमंत्री इमरान खान से मिलकर जेयूआई-एफ नेताओं और सभी विपक्षी दलों को मिलाकर बनी रहबर समिति से हुई बातचीत और धरना समाप्त करने के लिए विपक्ष की शर्तों की जानकारी दी है.

सूत्रों ने बताया कि इमरान ने कहा कि बार-बार इस्तीफे की ही बात हो रही है. अगर उनका इस्तीफा ही विपक्ष की एकमात्र मांग है तो फिर आगे किसी बातचीत की (विपक्ष के साथ) जरूरत नहीं है. इससे पहले जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि इमरान खान को इस्तीफा दे देना चाहिए और घर चले जाना चाहिए, क्योंकि सरकार विरोधी 'आजादी मार्च' के मुद्दे पर अब किसी वार्ता की जरूरत नहीं है. द न्यूज इंटरनेशनल के मुताबिक, उन्होंने गुरुवार को यह स्पष्ट कर दिया कि अब किसी भी वार्ता की कोई आवश्यकता नहीं है और कहा कि सरकारी टीम को बिना किसी सार्थक बातचीत के जाना और आना बंद करना चाहिए.

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मौलाना फजलुर रहमान ने धरने में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "जब आप वार्ता के लिए आते हैं तो आपको प्रधानमंत्री का इस्तीफा लेकर आना चाहिए." हालांकि, उन्होंने आईएसपीआर के डीजी मेजर जनरल आसिफ गफूर के बयान का स्वागत किया कि सशस्त्र बलों की भूमिका आम चुनाव और राजनीतिक मामलों में हमेशा तटस्थ रही है.

उन्होंने कहा, "डीजी आईएसपीआर का कहना है कि सशस्त्र बल तटस्थ हैं और हम उनके बयान का स्वागत करते हैं." रहमान विशाल 'आजादी मार्च' का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसने गुरुवार को आठवें दिन में प्रवेश किया. प्रदर्शनकारी 2018 के आम चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए खान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.