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जानें कंगाल पाकिस्तान के PM इमरान खान को क्यों मिला मुस्लिम मैन ऑफ द ईयर का अवॉर्ड

कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue) को लेकर भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच तनाव जारी है.

Updated on: 09 Oct 2019, 05:35 PM

नई दिल्ली:

कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue) को लेकर भारत-पाकिस्तान (India-Pakistan) के बीच तनाव जारी है. पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran Khan) इस मुद्दे को दुनियाभर में उठाने का लगातार प्रयास कर रहे हैं तो वहीं भारत ने इस मुद्दे पर दुनिया के सामने अपना रुख साफ कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र में भी मुस्लिम देशों की एकता की बात करने वाले इमरान खान को बड़ा अवॉर्ड मिला है. इमरान खान को सम्मान मिलने की बात तब सामने आई जब यूएन में उन्होंने एक बार फिर जेहाद की बात की थी.

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जॉर्डन की संस्था रॉयल इस्लामिक स्ट्रेटेजिक स्टडीज सेंटर ने इमरान खान को मुस्लिम मैन ऑफ द ईयर का अवॉर्ड दिया है. इस अवॉर्ड की वजह क्रिकेट के क्षेत्र में उनके योगदान, राजनीति में उनके करियर को अहम बताया गया है. इस संस्था ने इमरान खान के साथ अमेरिकी नेता राशिदा तैलब को वुमेन ऑफ दे ईयर का अवॉर्ड दिया गया है.

संस्थान की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पहले क्रिकेट जगत में अपना और देश का नाम रोशन किया और वर्ल्डकप भी जीता. इसके बाद जब वह राजनीति में उतरे तो सीधे देश के प्रधानमंत्री बन गए. ऐसे में उनका जीवन मुस्लिम लोगों के लिए प्रेरणादायी रहा है. जॉर्डन की ओर से इमरान खान को लेकर जम्मू-कश्मीर का भी जिक्र किया गया है और उनकी तारीफ की है. मैगजीन का दावा है कि इमरान ने कश्मीर के मसले पर भारत से बात करने की कोशिश की है. हालांकि, उनके मनमुताबिक नतीजा सामने नहीं आया था.

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अगर बात रॉयल इस्लामिक स्ट्रेटेजिक स्टडीज सेंटर की करें तो ये संस्था हर साल प्रभावशाली मुस्लिम लोगों की लिस्ट निकालती है, संस्था की ओर से टॉप 500 मुस्लिम लोगों की मैग्जीन निकाली जाती है. जिसमें महिलाओं पुरुषों दोनों को शामिल किया जाता है. पिछले साल इस संस्था ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन को मुस्लिम मैन ऑफ द ईयर का अवॉर्ड दिया था.

बता दें कि एक तरफ इमरान खान को ये सम्मान मिला है, वहीं अगर हाल ही में उनके संयुक्त राष्ट्र में दिए भाषण को देखें तो उन्होंने दुनिया के सामने एक तरह से परमाणु युद्ध की धमकी दे डाली थी. इमरान खान ने अपने संबोधन में कहा था कि अगर कश्मीर मसले पर दुनिया ने दखल नहीं दिया तो काफी दिक्कत हो सकती हैं, क्योंकि भारत और पाकिस्तान दो परमाणु बम वाले देश हैं. ऐसे में टकराव हुआ तो बहुत बुरा होगा.