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इमरान खान पर इस्तीफा का बढ़ा दबाव, आजादी मार्च के लोगों ने Plan-B के तहत किया ये काम

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रदर्शनकारी शनिवार सुबह 9 बजे हब रिवर रोड पर फिर लौट आए.

Updated on: 16 Nov 2019, 07:40 PM

नई दिल्ली:

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के प्रदर्शनकारी शनिवार सुबह 9 बजे हब रिवर रोड पर फिर लौट आए. इससे पहले, शुक्रवार की रात प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन रोक दिया था. डॉन न्यूज के अनुसार, पार्टी के नेता मौलाना उमर सादिक ने कहा कि जेयूआईएफ नेतृत्व ने प्रदर्शनकारियों को निर्देश दिए हैं कि यात्रियों को इसके चलते असुविधा नहीं होनी चाहिए, इसलिए धरना हर दिन सुबह 8 से शाम 8 बजे तक दिया जाएगा.

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बारिश और कम तापमान के बावजूद जेयूआई-एफ प्रदर्शनकारियों ने काराकोरम राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही है. अंतर्राष्ट्रीय मार्ग के अवरुद्ध होने से यात्रियों, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गो सहित यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

इससे पहले कराची को बलूचिस्तान से जोड़ने वाले राजमार्ग को अवरुद्ध करने को लेकर जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इस्लामाबाद में मौजूदा सरकार के खिलाफ धरना समाप्त करने के बाद पार्टी ने अब दूसरे चरण का अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया है.

डॉन न्यूज ने पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा, "जेयूआई-एफ के नेताओं और समर्थकों सहित 250 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. शुक्रवार को उन्होंने अचानक राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिससे वाहनों के बीच टक्कर हुई और उनमें से कुछ को नुकसान पहुंचा." उन्होंने कहा कि अभी तक मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.

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जेयूआई-एफ द्वारा शुक्रवार से 18 नवंबर तक प्रांत के मुख्य राजमार्गो को अवरुद्ध करने की घोषणा के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है. जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजल-उर-रहमान के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन 27 मार्च को करांची से शुरू हुआ था. यह 31 अक्टूबर को इस्लामाबाद पहुंचा.

रहमान ने बुधवार को पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को देशभर में फैलकर प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध करने का आदेश दिया, जिसे उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को बेदखल करने के लिए अपने 'प्लान बी' का हिस्सा बताया है. प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को इस्लामाबाद और अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के बीच ग्रैंड ट्रंक रोड को अवरुद्ध कर दिया था.