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मौलवियों के दबाव में इमरान खान ने रमजान के दौरान मस्जिदों में नमाज अदा करने की दी अनुमति

कट्टरपंथी मौलवियों के दबाव के चलते पाकिस्तान सरकार ने शनिवार को रमजान के दौरान मस्जिदों में जमात के साथ नमाज अदा करने की सशर्त अनुमति दे दी.

Updated on: 18 Apr 2020, 10:39 PM

इस्लामाबाद:

कट्टरपंथी मौलवियों के दबाव के चलते पाकिस्तान सरकार ने शनिवार को रमजान के दौरान मस्जिदों में जमात के साथ नमाज अदा करने की सशर्त अनुमति दे दी. सरकार के इस कदम से दुनियाभर में 154,000 से अधिक लोगों की जान ले चुके कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के अभियान को तगड़ा झटका लग सकता है. राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने सभी प्रांतों के प्रतिनिधियों और धार्मिक नेताओं के साथ बैठक के बाद यह घोषणा की. अल्वी ने कहा कि 20 सूत्री एक योजना पर सहमति बनी है. उन्होंने कहा, यह एक महत्वपूर्ण समझौता है और सभी धार्मिक नेताओं की आम सहमति के बाद इस नतीजे पर पहुंचा गया है.

मौलवी मस्जिदों में नमाज के दौरान सामाजिक दूरी बरकरार रखने के सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करने पर सहमत हुए हैं. पाकिस्तान उलेमा काउंसिल (पीयूसी) ने कहा है कि रमजान में नमाज के दौरान सरकार की 20 सूत्री योजना का पालन करेंगे. पीयूसी के अध्यक्ष हाफिज ताहिर अशरफी ने सभी लोगों से नमाज के दौरान इसका पालन करने को कहा है. उन्होंने कहा कि थोड़ी सी भी गलती से मस्जिद बंद कर दी जाएगी. समझौते के मुताबिक, 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों, नाबालिगों और बुखार से पीड़ित लोगों को मस्जिद में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी.

तरावीह (खास नमाज) मस्जिदों के अलावा सड़क, फुटपाथ या अन्य किसी स्थान पर अदा नहीं होनी चाहिए. इसके अलावा, मस्जिदों में रोजाना दरी हटाकर फर्श को संक्रमण मुक्त किया जाएगा. साथ ही नमाज पढ़ने आने वाले लोगों को एक-दूसरे से छह फुट की दूरी बरकरार रखनी होगी और मास्क पहनना अनिवार्य होगा. अल्वी ने कहा कि अगर सरकार को कभी भी लगता है कि दिशा-निर्देशों की अवहेलना हो रही है अथवा बीमारी फैल रही है तो मस्जिदों को खोलने के फैसले पर दोबारा विचार किया जा सकता है. पाकिस्तान में शनिवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 7,500 से ज्यादा मामले हो गए. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय ने बताया है कि शुक्रवार को आठ लोगों की मौत के साथ देश में अब तक 143 लोग संक्रमण से मारे गए हैं.