संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम इमरान खान की कश्मीर की आड़ में इस्लाम धर्म और परमाणु हमले की दुहाई ने उनके लिए वैश्विक मंच पर और मुसीबतें खड़ी कर दी हैं. अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को अच्छे से समझ आ गया है कि चीन के उइगर मुसलमानों की दुर्दशा को नजरअंदाज कर कश्मीर या भारतीय मुसलमानों के प्रति इमरान खान की हमदर्दी महज एक पाखंड भर से ज्यादा और कुछ नहीं है. यही वजह है कि एक यूरोपीय थिंक टैंक ने बेहद कड़े शब्दों का इस्तेमाल कर इमरान खान को आईना दिखाया है. हालांकि इसे उनकी एक और बेइज्जती ही करार दिया जा सकता है.
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इमरान खान दे रहे धमकी
एम्सटर्डम स्थित यूरोपीय फॉउंडेशन फॉर साउथ एशिया स्टडीज ने कहा है, 'संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए अपने भाषण में उन्होंने (इमरान खान ने) जम्मू-कश्मीर में किसी भी पिछली या भविष्य की गलतियों से अलग किया और बहुत ही बदमाशी के साथ कश्मीरी युवाओं को हथियार उठाने के लिए भड़काया, इसके साथ ही वे पूरी दुनिया को एक परमाणु युद्ध की धमकी भी देते रहे.'
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कश्मीर गुजरे जमाने की बात
अगर बात यहीं खत्म हो जाती तो भी ठीक था. थिंक टैंक ने आगे कहा कि इमरान खान को किसने कश्मीरियों को खून बहने के लिए डराने और उनकी जिंदगियों को खत्म किए जाने का डर दिखाने का अधिकार दिया? थिंक टैंक ने कहा, अगर इसका उत्तर पाकिस्तानी सेना है, जो कि इस मामले में लगभग-लगभग सच्चाई है. यह उनके लिए मान लेने का वक्त है कि पाकिस्तानी जनता की आंखों पर कश्मीर का पर्दा डालकर उन्हें मजबूती का दिखावा करने से कुछ नहीं होगा, क्योंकि अब यह गुजरे जमाने की बात हो चुकी है.
HIGHLIGHTS
- इमरान खान ने बदमाशी के साथ कश्मीरी युवाओं को हथियार उठाने के लिए भड़काया.
- पाकिस्तानी जनता की आंखों में पर्दा डालकर खुद को दिखा रहे हैं मजबूत.
- उन्हें कश्मीरी युवाओं को खून-खराबे के लिए बढ़ाने का अधिकार नहीं.