पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के चीफ और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान ने मुंबई में स्थित 'जिन्ना हाउस' को तोड़ने की मांग को लेकर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि इमारतों को ध्वस्त करने से इतिहास को दूर नहीं किया जा सकता है। बता दें कि इसके पहले पाकिस्तान ने जिन्ना हाउस को लेकर चिंता जताई थी।
इमरान खान ने ट्विटर पर अपना बयान दिया है। उन्होंने लिखा, 'जिन्ना हाउस को ध्वस्त करने की मांग दुर्भाग्यपूर्ण है। इमारतों को ध्वस्त कर इतिहास को दूर नहीं किया जा सकता है।'
ये भी पढ़ें: दलाई लामा की अरुणाचल यात्रा से खीझे चीन की भारत को धमकी, कहा-वो कश्मीर में खोल सकता है मोर्चा
गौरतलब है कि बीजेपी विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा ने पिछले महीने जिन्ना हाउस को तोड़ने की मांग की थी। साथ ही उसकी जगह सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण करने को कहा था। बीजेपी विधायक ने इमारत को ध्वस्त करने के लिए इस बात का हवाला दिया था कि जिन्ना हाउस की देखभाल PWD विभाग करता है। इसके लिए हर साल लाखों रुपये खर्च होते हैं।
उन्होंने सरकार से कहा कि भारत में मोहम्मद अली जिन्ना के वारिसों के नाम पर उनके नाती ने इमारत पर अपना कब्जा बताया था, लेकिन शत्रु संपत्ति कानून संसद में पारित हो जाने के बाद इस पर अब किसी का कोई कानूनी अधिकार नहीं है।
ये भी पढ़ें: कश्मीर में पाकिस्तानी राष्ट्रगान गाने का मामला: एनआईए करेगी जांच, 12 युवक हिरासत में
इस कानून के तहत जो लोग भारत के विभाजन के समय पाकिस्तान चले गए थे, उनकी भारत में मौजूद संपत्ति पर किसी वारिस का हक नहीं है। मोहम्मद अली जिन्ना ने भारत के विभाजन के लिए इसी जगह का इस्तेमाल किया था। कहा जाता है कि जिन्ना हाउस भारत विभाजन का प्रतीक है।
(IPL 10 की खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
Source : News Nation Bureau