logo-image

इमरान खान के फिर बिगड़े बोल, CAA के बाद अब NRC पर की गलतबयानी

'भारत में मोदी सरकार अल्पसंख्यकों को किनारे लगा कर म्यांमार जैसी हिंसा के हालात पैदा कर रही है. ठीक ऐसी ही चीजें म्यांमार में हुई थीं.'

Updated on: 02 Feb 2020, 08:30 AM

highlights

  • इमरान खान भारत के आंतरिक मामलों में बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं.
  • अब कहा मोदी सरकार अल्पसंख्यकों को किनारे लगा कर म्यांमार जैसे हालात पैदा कर रही.
  • NRC से 50 करोड़ लोगों की नागरिकता खत्म हो जाएगी.

इस्लामाबाद:

घर में नहीं दाने अम्मा चली भुनाने वाली हिंदी कहावत पाकिस्तान (Pakistan) पर इन दिनों बिल्कुल खरी उतर रही है. एक तरफ पाकिस्तान पर बीते 15 महीनों के दौरान सरकारी कर्ज और देनदारियों में 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. वहीं वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) अपने देश के अंदरूनी हालात सुधारने के बजाय भारत के आंतरिक मामलों में बयानबाजी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. कश्मीर (Jammu Kashmir) से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से शुरू हुए इमरान खान नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के मसले पर हर उपलब्ध वैश्विक मंच पर मुंह फाड़ने से बाज नहीं आ रहे हैं. एक बार फिर उन्होंने सीएए और एनआरसी पर अटपटा बयान दिया है, जो उनके सामाजिक-राजनीतिक ज्ञान पर ही सवालिया निशान लगाता है.

यह भी पढ़ेंः मुसलमानों पर मोदी सरकार मेहरबान, 6 साल में 15 सौ करोड़ बढ़ाया बजट

म्यांमार जैसे हालात बना रही मोदी सरकार
समाचार एजेंसी आईएएनएस ने पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि एक साक्षात्कार में इमरान खान ने कहा कि भारत में सीएए के बाद नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (NRC) लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा है कि इस प्रक्रिया से 50 करोड़ लोगों की नागरिकता खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा, 'भारत में मोदी सरकार अल्पसंख्यकों को किनारे लगा कर म्यांमार जैसी हिंसा के हालात पैदा कर रही है. ठीक ऐसी ही चीजें म्यांमार में हुई थीं, जहां पहले म्यांमार सरकार ने पहले पंजीकरण का काम किया और फिर इसी के जरिए मुसलमानों को अलग कर उनका संहार किया. मेरी आशंका है कि भारत भी इसी दिशा में जा रहा है.'

यह भी पढ़ेंः देश को नेता नहीं नायक की जरूरत, मोहन भागवत ने कहा समाज बदले बगैर देश नहीं बदलता

चीन के कर्जजाल में नहीं फंस रहा पाकिस्तान
इसी साक्षात्कार में इमरान खान से जब पूछा गया कि क्या मौजूदा घटनाक्रम के बाद भारत से लोग पलायन कर क्या पाकिस्तान और बांग्लादेश आना चाहेंगे? इस पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि बांग्लादेश पहले से ही चिंतित है क्योंकि असम में भारत ने पहले ही करीब 20 लाख लोगों को गैरपंजीकृत कर दिया है. हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि मुझे ठीक-ठीक संख्या का पता नहीं है लेकिन इतने लोगों का क्या होगा. एक बार फिर सीपीईसी पर उन्होंने चीन समेत खुद का बचाव किया है. चीन के कर्ज के जाल में फंसने की आशंका को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि इस बात का कोई आधार नहीं है पाकिस्तान चीन के कर्ज के जाल में फंस रहा है.

यह भी पढ़ेंः Budget 2020: रक्षा बजट में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी, डिफेंस पेंशन बजट 1.33 करोड़ हुआ

एफएटीएफ का कसता जा रहा है शिकंजा
गौरतलब है कि टेरर फंडिंग और मनी लांड्रिंग के मसले पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पहले से ही उसे ग्रे-लिस्ट में डाल रखा है. पाकिस्तान पर आरोप है कि वह आतंकी संगठनों को फंड मुहैया कराने वाले नेटवर्क को पुष्पित-पल्लवित करता है. बाद में एफएटीएफ के दबाव के चलते पाकिस्तान ने दिखावे के लिए कुछ कदम उठाए लेकिन वह एफएटीएफ को संतुष्ट नहीं कर पाया है. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस ने संकेत दिए हैं कि इस माह पेरिस में होने वाली बैठक में पाकिस्तान को कड़ी कसौटी पर कसा जाएगा.