इमरान खान का दांव हो सकता है फेल, चुनाव होने पर इस पार्टी को हो सकता है फायदा 

इमरान खान ने ट्वीट में कहा, मेरी कार्रवाई ने विपक्ष को चौंका दिया है. अगर मैंने इस आश्चर्य के बारे में खुलासा किया होता, तो वे आज इतने परेशान नहीं होते.

इमरान खान ने ट्वीट में कहा, मेरी कार्रवाई ने विपक्ष को चौंका दिया है. अगर मैंने इस आश्चर्य के बारे में खुलासा किया होता, तो वे आज इतने परेशान नहीं होते.

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Mohit Saxena
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imran khan( Photo Credit : social media)

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान खुद अपने जाल में फंसते नजर आ रहे हैं. रविवार को उनके खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. वहीं उनकी सलाह पर पाक के राष्ट्रपति राशिद अल्वी ने 90 दिनों के अंदर चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा है. रविवार को पीएम इमरान खान संसद नहीं पहुंचे थे और डिप्टी स्पीकर ने प्रस्ताव को असंवैधानिक बताते हुए खारिज कर दिया. इस बीच इमरान खान ने ट्वीट में कहा, मेरी कार्रवाई ने विपक्ष को चौंका दिया है. अगर मैंने इस आश्चर्य के बारे में खुलासा किया होता, तो वे आज इतने परेशान नहीं होते. उन्होंने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को भंग करने के बाद अपने संबोधन में विदेशी साजिश के दावे को दोबारा दोहराया.

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पाकिस्तान के हालात पर अगर नजर डाली जाए तो अगर चुनाव होते हैं तो इमरान खान पर ही ये हालात भारी पड़ सकते हैं. क्योंकि पूरे मुल्क में बेरोजगारी और महंगाई अपने चरम पर है. पाकिस्तान में 90 दिनों के अंदर चुनाव होंगे. पाकिस्तान के हालात पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों की मानें तो अगर पाकिस्तान में चुनाव होते हैं तो इमरान खान अपने ही जाल में फंसते हुए नजर आ रहे हैं. पाकिस्तान में सियासी ड्रामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहे इमरान खान को पाकिस्तान में चुनाव होने पर नुकसान हो सकता है. नवाज़ शरीफ की पार्टी को चुनाव से फायदा हो सकता है. 

 

नवाज़ शरीफ को होगा फायदा

इमरान खान अपना आधे से अधिक कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. इमरान खान के खिलाफ एंटी-इनकंबेंसी भी है. अगर ऐसे मौके पर चुनाव होते हैं तो नवाज शरीफ की पार्टी को बड़ा फायदा होता दिख रहा है. पाकिस्तान के पीएम की दौड़ में सबसे आगे चल रहे शाहबाज शरीफ कई बार पंजाब प्रांत के सीएम रह चुके हैं और उनकी गिनती पाक के काफी मंझे हुए नेताओं में  होती है. 

दूसरे विपक्षी नेता के रूप में बिलावल भुट्टो हैं. सिंध में पहले से उनकी उनकी सरकार है और पाक के अन्य क्षेत्रों में उनकी पार्टी का दबदबा भी कम है. वहीं PMLN के साथ ऐसा नहीं है. अब इमरान खान के सामने दो ही रास्ते हैं या तो खुद सरेंडर कर दें और बचा हुआ कार्यकाल विपक्ष को सौंप दें. ऐसे न करने पर उन्हें चुनावों में मुंह की खानी पड़ सकती है.

 

HIGHLIGHTS

  • इमरान खान अपना आधे से अधिक कार्यकाल पूरा कर चुके हैं
  • नवाज़ शरीफ की पार्टी को चुनाव से फायदा हो सकता है
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