पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का कहना है कि उनकी सरकार को गिराने में विदेशी पैसों का इस्तेमाल किया जा रहा है और ठीक ऐसा ही पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के संस्थापक एवं पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के साथ किया गया था, जब उन्होंने देश की विदेश नीति को आजाद करने की कोशिश की थी।
जुल्फिकार अली भुट्टो का तख्तापलट 1977 में किया गया था और लाहौर हाईकोर्ट ने उन्हें 18 मार्च 1978 को फांसी की सजा सुनाई थी। भुट्टो को तीन अप्रैल 1979 को रावलपिंडी जेल में फांसी दी गई थी।
इमरान ने इस्लामाबाद में आयोजित अपनी पार्टी की रैली में रविवार को कहा कि भुट्टो को जिस तरह आजाद विदेशी नीति लागू करने की कोशिश के कारण फांसी की सजा दी गई, उसी तरह की कोशिश अब भी की जा रही है।
उन्होंने रैली में पर्चा लहराते हुए कहा कि उनकी सरकार को लिखित में धमकी मिल रही है। उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि किस बाहरी जगह से सरकार को बदलने की कोशिश की जा रही है और आजादी विदेश नीति को अपनाने पर हम पर दबाव बनाया जा रहा है लेकिन हम देश हित से समझौता नहीं करेंगे।
इमरान खान ने कहा कि यह दुख की बात है कि पाकिस्तान में सरकारों का तख्तापलट होता है और उसमें देश में मौजूद लोग ही साथ देते हैं।
द न्यूज के मुताबिक, इमरान खान ने कहा, जमात-ए-इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान और भगोड़े नवाज शरीफ की पार्टी ने भुट्टो के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था और ऐसी स्थिति बना दी थी कि जिसका अंत भुट्टो की फांसी के रूप में हुआ।
उन्होंने कहा, विदेशी पैसों के जरिये पाकिस्तान की सरकार बदलने की कोशिश की जा रही है। हमारे लोग इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कुछ लोग पैसे का इस्तेमाल हमारे विरोध में कर रहे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को पता है कि गत कुछ माह से षड्यंत्र किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह पाकिस्तान के लोग फैसला करेंगे कि क्या वे उन गुलामों को सत्ता देंगे, जो सरकार के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं। क्या वे उन्हें जीतने देंगे, जो विदेशों से अरबों रुपये ले रहे हैं।
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Source : IANS