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पाकिस्तान में जेयूआई-एफ से संबद्ध अंसार उल इस्लाम पर प्रतिबंध की तैयारी

अंसार उल इस्लाम के सदस्य पीले रंग की वर्दी में नजर आते हैं. इनके हाथों में लाठियां होती हैं. हाल ही में इन्होंने जेयूआई-एफ नेता मौलाना फजलुर रहमान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया था.

Updated on: 20 Oct 2019, 07:53 AM

highlights

  • जमीयत के प्रस्तावित आजादी मार्च से डरे हुए हैं इमरान खान.
  • अब जमीयत से संबद्ध मिलीशिया फोर्स पर लगेगा प्रतिबंध.
  • लाठियों से लैस रहने वाले सदस्यों से सरकार को खतरा.

Islamabad:

पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से हटाने के लिए आजादी मार्च निकालने का ऐलान करने वाली पार्टी जमीयत-ए-उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) से संबद्ध मिलीशिया अंसार उल इस्लाम पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है. सरकार ने लाठियों से लैस रहने वाली इस 'मिलीशिया फोर्स' को देश की वैधानिक सरकारको चुनौती देने वाला बताया है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में यह जानकारी देने के साथ बताया गया है कि अंसार उल इस्लाम के सदस्य पीले रंग की वर्दी में नजर आते हैं. इनके हाथों में लाठियां होती हैं. हाल ही में इन्होंने जेयूआई-एफ नेता मौलाना फजलुर रहमान को गार्ड ऑफ ऑनर दिया था.

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कैबिनेट की रजामंदी ली
पाकिस्तान गृह मंत्रालय ने अंसार उल इस्लाम के खिलाफ कार्रवाई पर संघीय कैबिनेट की रजामंदी ले ली है. अब इस सिलसिले में प्रस्ताव को देश के कानून मंत्रालय और चुनाव आयोग को भेजा गया है. इसमें कहा गया है कि इस वर्दीधारी फोर्स ने पेशावर में कंटीले तारों में लिपटी लाठियों के साथ मार्च निकाला है. इनकी हरकतें देश की सरकार को चुनौती देने वाली हैं. यह फोर्स कानून प्रवर्तन एजेंसियों से टकराने की तैयारी करती नजर आ रही है. सशस्त्र दल के तौर पर इसका गठन संविधान के अनुच्छेद 256 के खिलाफ है, इसलिए इसे प्रतिबंधित किया जाएगा.

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सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी बाकी
इस मामले में संघीय कैबिनेट ने गृह मंत्रालय को प्रांतों से बातचीत का अधिकार दिया है. संविधान के प्रावधानों के तहत संघीय सरकार गृह मंत्रालय के जरिए प्रांतों को अपने स्तर से भी इस संस्था पर कार्रवाई करने का अधिकार देगी. कानून मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय को इसे प्रतिबंधित करने के लिए अधिसूचना जारी करनी होगी. इसके बाद मंत्रालय सुप्रीम कोर्ट को इस अधिसूचना से अवगत कराएगा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर मुहर लगाए जाने पर संस्था प्रतिबंधित करार दे दी जाएगी.