'इमरान सरकार विज्ञापन के हथियार के बल पर दबा रही है मीडिया की आवाज'

पाकिस्तान की मीडिया संस्था आल पाकिस्तान न्यूजपेपर्स सोसाइटी (एपीएनएस) ने इस बात पर खेद जताया है कि इमरान सरकार विज्ञापन के हथियार के बल पर मीडिया की आवाज दबा रही है.

पाकिस्तान की मीडिया संस्था आल पाकिस्तान न्यूजपेपर्स सोसाइटी (एपीएनएस) ने इस बात पर खेद जताया है कि इमरान सरकार विज्ञापन के हथियार के बल पर मीडिया की आवाज दबा रही है.

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Deepak Pandey
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'इमरान सरकार विज्ञापन के हथियार के बल पर दबा रही है मीडिया की आवाज'

पाकिस्तान के पीएम इमरान खान( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

पाकिस्तान की मीडिया संस्था आल पाकिस्तान न्यूजपेपर्स सोसाइटी (एपीएनएस) ने इस बात पर खेद जताया है कि देश की मौजूदा लोकतांत्रित तरीके से चुनी गई सरकार, विज्ञापनों का इस्तेमाल प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की निष्पक्ष व वस्तुनिष्ठ रिपोर्टों को दबाने के हथियार के तौर पर कर रही है. पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि एपीएनएस की कार्यकारी समिति की बैठक में इस बारे में विचार किया गया और सरकार की इस नीति के प्रति विरोध जताया गया.

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बैठक में कहा गया कि संघीय सरकार और प्रांतीय सरकारों ने भी मीडिया को जारी होने वाले विज्ञापनों का कोटा काफी कम कर दिया है. इसके साथ ही, विज्ञापनों को कुछ चुनिंदा मीडिया संस्थानों को ही दिया जा रहा है. जो 'निष्पक्ष' मीडिया संस्थान हैं, उन्हें विज्ञापनों से वंचित किया जा रहा है.

यह विज्ञापन का इस्तेमाल एक हथियार की तरह करने के समान है. इसके जरिए उन संस्थानों की आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है जो निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ रिपोर्ट देने में विश्वास रखते हैं. बैठक में मीडियाकर्मियों से जुड़े वेज बोर्ड की कार्यवाहियों पर भी विचार किया गया.

Source : IANS

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