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इमरान खान के सामने एक और संकट, अनाज घोटाले में उनके ही 'सगों' का हाथ

हाल ही में पाकिस्तान में चीनी और गेहूं के संकट से जुड़ी रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है. इसमें हैरान करने वाला खुलासा हुआ है कि अनाज घोटाले में सत्तारूढ़ पार्टियों के नेता शामिल हैं.

Updated on: 06 Apr 2020, 08:24 AM

highlights

  • इमरान खान के कई सहयोगी नेताओं के नाम अनाज घोटाले में शामिल.
  • आगे कुंआ पीछे खाई वाली स्थिति में फंसे वजीर-ए-आजम.
  • ऊंची पहुंच वाले घोटालेबाजों ने धमकी तक देनी शुरू की.

इस्लामाबाद:

एक तरफ कोरोना वायरस (Corona Virus) का कहर दूसरी तरफ बढ़ती महंगाई (Inflation) के कारण आटा-दाल समेत चीनी जैसे अन्य खाद्य उत्पादों का संकट. पाकिस्तान (Pakistan) इस वक्त एक अजीब से दोराहे पर खड़ा है और उसके वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) इन चुनौतियों से जूझने के बजाय भारत और उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को कश्मीर (Kashmir) संकट पर भाषण देने से बाज नहीं आ रहे. चिराग तले अंधेरा वाली कहावत चरितार्थ करते हुए इमरान खान के लिए अब उनकी ही पार्टी के नेता-कार्यकर्ता एक बड़ी मुसीबत बन कर उभरे हैं. हाल ही में पाकिस्तान में चीनी और गेहूं के संकट से जुड़ी रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है. इसमें हैरान करने वाला खुलासा हुआ है कि अनाज घोटाले में सत्तारूढ़ पार्टियों के नेता शामिल हैं.

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सत्तारूढ़ दल के कई नेता घोटाले में शामिल
इस रिपोर्ट के मुताबिक पीएम इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के कद्दावर नेता जहांगरी तारीन और सहयोगी पार्टियों के नेता खाद्य सुरक्षा मंत्री खुसरो बख्तियार और पीएमएल-क्यू के मोनिस इलाही व उनके रिश्तेदार घोटाले में शामिल हैं. वजीर-ए-आजम इमरान खान के लिए स्थिति इसलिए और भद्द पिटवाने वाली हो गई है, क्योंकि उनके ही निर्देश पर रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया है. अब इस रिपोर्ट ने उनके लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है. डैमेज कंट्रोल के तहत उन्होंने घोटाले में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं. उन्हें कहना पड़ा है कि कार्रवाई करते वक्त इस बात से बिल्कुल न डरें कि संबंधित व्यक्ति का दर्जा क्या है और वे किस पार्टी से जुड़े हुए हैं.

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अपने ही किए वादे में फंसे इमरान
अनाज संकट से जुड़ी इस रिपोर्ट को संघीय जांच एजेंसी के निदेशक जनरल वाजिद जिया की अध्यक्षता में गठित समिति ने तैयार किया है. पहली रिपोर्ट देश में चीनी के संकट, उसकी कीमतों और बड़े चीनी उत्पादकों को मिली सब्सिडी से संबंधित है. दूसरी रिपोर्ट में गेहूं संकट के पीछे मौजूद लोगों को खुलासा किया गया है. जैसे ही रिपोर्ट सामने आई इमरान खान ने उसे पब्लिक करने के आदेश दिए. स्पेशल असिस्टेंट ऑन अकाउंटिबिल्टी मिर्जा शहजाद अकबर ने बताया कि पीएम का मानना है कि वह रिपोर्ट सार्वजनिक करेंगे क्योंकि वह इन वादों के साथ ही सत्ता में आए हैं.

अब धमकी मिलनी शुरू
और तो और, खबर मिली है कि बेनकाब हुए लोगों ने दबे-छिपे शब्दों में इमरान खान समेत जांच आयोग के सदस्यों को रिपोर्ट पब्लिक करने पर धमकी देनी शुरू कर दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक दो ग्रुप को संकट के दौरान सबसे अधिक फायदा मिला है. एक ग्रुप का नाम जेडब्ल्यूडी है, जो पीटीआई के तारीन से जुड़ा हुआ है. इस ग्रुप के पास छह शुगर मिल हैं. दूसरे ग्रुप की पहचान आरवाईके के रूप में हुई है और उसके पास चार शुगर मिल हैं, जिसके मालिक मखदूम उमर शहरयार हैं, पीएमएल-एन के नेता चौधरी और पीएमएल-क्यू मोनिस इलाही हैं.